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लोकसभा में आज यानी मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया जाएगा. इससे पहले ये बिल राज्यसभा से पास हो चुका है. इस बिल के मुताबिक अनुच्छेद 370 के कश्मीर से हटने के साथ-साथ लद्दाक को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया जाएगा और दोनों केंद्र शासित प्रदेश होंगे. इसमें जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी जबकि लद्दाक में विधानसभा नहीं होगी. गृह मंत्री अमित शाह आज ये बिल लोकसभा में पेश करेंगे.
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Union Home Minister Amit Shah to move The Jammu & Kashmir Reorganisation Bill 2019, The Jammu & Kashmir Reservation (Second Amendment) Bill 2019 and the resolution revoking Article 370 from J&K, in Lok Sabha today. (file pic) pic.twitter.com/d3xHHRlyHC
— ANI (@ANI) August 6, 2019
दरअसल सोमवार को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 समेत 35-ए पर ऐतिहासिक फैसले पेश किए. एक तरफ उन्होंने अनुच्छेद 370 (1) को छोड़कर बाकी सारे प्रावधान खत्म करने का संकल्प पेश कर दिया. वहीं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. राजनीतिक तौर पर इन ऐतिहासिक फैसलों के बहुत दूरगामी परिणाम होंगे. खासकर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में इसके बाद आमूल-चूल बदलाव आ जाएगा.
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क्या हैं अनुच्छेद 370 के हटने क मायने
- इसके तहत जम्मू-कश्मीर को संविधान के तहत मिले विशेषाधिकार खत्म हो गए.
- अब वहां न सिर्फ एक तिरंगा फहराएगा, बल्कि जम्मू-कश्मीर शेष देश के साथ मुख्यधारा में चल सकेगा.
- अब केंद्र उन मामलों में भी दखल दे सकेगा, जो संविधान के तहत मिले विशेष प्रावधानों के कारण अभी तक उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर थे.
- इसका असर निश्चित तौर पर आतंकवाद के सफाये पर पड़ेगा.
- पाक परस्त नेताओं पर लगाम कसने में इससे मदद मिलेगी.
- आतंकवाद के चलते राज्य से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों की वापसी भी सुनिश्चित हो सकेगी.
- बीजेपी ने इस तरह से उस ऐतिहासिक गलती को सुधारने का काम किया है, जिसने राज्य को दो परिवारों की बपौती बना रखा था. अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार धारा 370 के प्रावधानों का इस्तेमाल अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए करते आए थे.