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सदियों में कोई एक सरदार बन पता है, फिर भी किया नजरअंदाज : शाह

लौहपुरुष सरदार पटेल की 145 वीं जयंती के अवसर पर 'राष्ट्रीय एकता दिवस' समारोह में भाग लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज केवड़िया पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि पटेल किसानों की आवाज बुलंद की है, उनके योगदान को हमेशा से नजरअंदाज किया गया.

Updated on: 31 Oct 2021, 11:14 AM

highlights

  • समारोह में भाग लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज केवड़िया पहुंचे
  • अमित शाह ने कहा, सरदार साहब ने भारत को अखंड बनाने का प्रयास किया है
  • शाह ने कहा, आजादी के बाद उनके योगदान को सही सम्मान ​नहीं मिला

 

नई दिल्ली:

लौहपुरुष सरदार पटेल की 145 वीं जयंती के अवसर पर 'राष्ट्रीय एकता दिवस' समारोह में भाग लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज केवड़िया पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा , आज सरदार पटेल की जन्म जयंती है. मैं पूरे देश में करोड़ों देशवासियों को बताना चाहता हूं-'सदियों में कोई एक सरदार बन पाता है, वो एक सरदार सदियों तक अलख जगाता है'.  शाह ने कहा, आज जो परंपरा हमारे देश के पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुरू की है, देश के प्रथम गृह मंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिन के रूप में मनाने की परंपरा को आज हम आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पटेल ने किसानों की आवाज बुलंद की है. उनके योगदान को हमेशा से नजरअंदाज किया गया. स्टैच्यू आफ यूनिटी देश का मान है.

इस कार्यक्रम में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के साथ जल, थल, वायुसेना के अधिकारी, ओलंपिक, एशियन व विविध खेलों में मेडल विजेता खिलाड़ी व पुलिस अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हुए. सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने लगातार पिछले तीनों कार्यक्रमों में भाग लिया था. मगर इस बार इटली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के कारण वह हिस्सा नहीं ली ले पाए. 

आचार्य चाणक्य ने किया था देश को एकजुट

गृह मंत्री ने कहा, एक जमाने में आचार्य चाणक्य ने देश को एकजुट रहने की सीख दी थी। इसके सदियों बाद सरदार ने देश को एकजुट किया. इसी की वजह से आज देश विश्व में अपना स्थान पा पाया. अंग्रेजों के सामने व्यवहारिक पक्ष की अगुवाई का नेतृत्व सरदार पटेल  ने किया था. किसी भी बात को बेबाक तरह से रखना पटेल के व्यक्तित्व में शामिल था. शाह  ने कहा, सरदार पटेल की दी हुई प्रेरणा ने आज देश को एक और अक्षुण्ण रखने का कार्य  किया है. आज उनकी प्रेरणा देश को आगे ले जाने के साथ, हमें एकजुट रखने में सफल हुई है. केवड़िया किसी जगह का नाम नहीं है, ये तीर्थ स्थान बन गया है.

सरदार साहब को भुलाने का किया प्रयास

अमित शाह ने कहा, सरदार साहब ने भारत को अखंड बनाने का प्रयास किया है. मगर दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरदार साहब को भुलाने का प्रयास किया गया. आजादी के बाद उनके योगदान को सही सम्मान ​नहीं मिला. न ही उन्हें भारत रत्न दिया गया, न उनको उचित सम्मान दिया गया, मगर कहते हैं कि सूर्य को कोई कितनी देर तक अलग कर रख सकते हैं.आज सरदार साहब को भारत रत्न भी मिला और विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा हम सबके सामने है. यह स्टैचू ऑफ यूनिटी पूरी दुनिया को संदेश देती है कि भारत की एकता को कोई तोड़ नहीं सकता.