असम और बंगाल के बाद अब नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) को पूरे देश में भी लागू किया जा सकता है. दरअसल गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि एनआरसी को पूरे देश में लागू करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने सवाल पूछते हुए आगे कहा कि ऐसा कोई देश है जो अपने यहां गैरकानूनी तरीके से विदेशियों को रहने की इजाजत दे सकता है.
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एक मीडिया कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'क्या कोई भारतीय रूस, अमेरिक या ब्रिटेन में गैरकानूनी तरीके से जाकर रह सकता है? नहीं, ऐसे में दूसरे देश के लोग भारत में बिना पहचान के दस्तावेजों के बिना कैसे रह रहे हैं.? इसलिए मेरा मानना है कि देश में एनआरसी (NRC) को लागू किया जाना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा, 'हम एनआरसी को असम के बाद पूरे देश में भी लागू करेंगे. हम जल्द ही नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजन बनाएंगे. इसमें देश में रहने वाले सभी नागरिकों की एक सूची होगी. वैसे भी ये एनआरसी है सिर्फ असम रजिस्टर ऑफ़ सिटिजन नहीं है.'
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आपको बता दें कि असम में NRC लागू होने के बाद से ही देश के कई राज्यों में NRC लागू करने की चर्चा शुरू हो गई है. उत्तराखंड की सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी NRC पर विचार करने का संकेत दिया है. इससे पहले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी राज्य में एनआरसी को अमल में लाने की बात कही थी.
वहीं मेरठ कैंट बीजेपी विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने कहा था कि मेरठ के अंदर सवा लाख बांग्लादेशी रह रहे हैं. इससे पहले सीएम योगी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जरूरी हुआ तो असम की ही तरह पूरे उत्तर प्रदेश में NRC यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू किया जाएगा.
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गौरतलब है कि असम में पिछले दिनों राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की लिस्ट जारी कर दी गई है. इस लिस्ट में 19 लाख से अधिक लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं है. दरअसल, असम में 1951 के बाद पहली बार नागरिकता की पहचान की जा रही है.
एनआरसी के स्टेट कोआर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया था कि कुल 3,11,21,004 व्यक्तियों को NRC के लिए योग्य पाया गया है. 19,06,657 व्यक्ति इसमें अयोग्य पाए गए हैं. इन लोगों ने अपने दावे पेश नहीं किए थे. अब इन लोगों के सामने विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील दायर करने का विकल्प होगा.