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फोटो- ट्विटर
गृह मंत्री अमति शाह ने रविवार को आरएसएस के एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा, बहुत सारी भ्रांतियां और गलतफहमियां अनुच्छेद 370 और कश्मीर के बारे में आज भी फैली हुई हैं, उनका स्पष्ट होना जरूरी है. जितना स्पष्ट कश्मीर की जनता के सामने होना जरूरी है उतना स्पष्ट भारत की जनता में भी होना जरुरी है.
अमित शाह ने कहा, सबसे पहले जब देश आजाद होता है तो उसके सामने सुरक्षा का प्रश्न, संविधान बनाने का प्रश्न, ऐसे कई प्रकार के प्रश्न होते हैं. पर हमारे सामने 630 रियासतों को एक करने का प्रश्न आ गया. 630 अलग-अलग राज्य एक खंड के अंदर समाहित करना और अखंड भारत बनाना ये हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी. आज मैं आदर के साथ देश के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रणाम करके ये बात कहना चाहता हूं कि वो न होते तो ये काम कभी न होता.
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गृह मंत्री ने कहा, सरदार पटेल की ही दृढ़ता का परिणाम था कि 630 रियासतें आज एक देश के रूप में दुनिया के अंदर अस्तित्व रखती है. उन्होंने आगे कहा, 630 रियासतों को एक करने में कोई दिक्कत नहीं आई लेकिन जम्मू-कश्मीर को अटूटरूप से अखंड रूप से एक करने में 5 अगस्त, 2019 तक का समय लग गया. उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर और 370 पर आज भी गलतफ़हमी है, जो देश के सामने आनी चाहिए. इतिहास को तोड़ कर रखी गई सच्चाई को सामने आने नही दिया गया था. सरदार पटेल की देन है कि 630रियासते एक हुए. एक रियासत प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू देख रहे थे,जिसका नतीजा सामने है.
गृह मंत्री ने पूछा, जब कश्मीर में सेना जीत रही थी तो युद्ध विराम क्यों किया गया. क्या मजबूरी थी,जिससे pok अस्तित्व में आया? उन्होंने कहा, UNO में जाना जवाहरल लाल नेहरू की हिमालयन गलती थी. दुनिया के कुसी देश में ऐसा नही होगा कि एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो झंडे हों. हमारी मान्यता है 370 किसी भी हालत में स्वीकार नहीं होना चाहिए.
अमित शाह ने साधा विरोधियों पर निशाना
विरोधियों पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, जो लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि ये (अनुच्छेद 370 को हटाना) राजनीतिक स्टैंड है उनको मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये हमारा स्टैंड तब से है जब से मेरी पार्टी बनी. ये हमारी मान्यता है कि जब अनुच्छेद 370 था, तब देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं था.
अमित शाह ने कहा, हम सिर्फ बोलते नहीं है. हमनें इसके खिलाफ बार-बार आंदोलन किए. जब तक 370 हटी तब तक 11 अलग-अलग आंदोलन हुए जिसमें मास मोबिलाइजेशन बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों ने किए थे.
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गृह मंत्री ने कहा, श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रेन के रास्ते जम्मू-कश्मीर गए, उनके पास परमिट नहीं था. वो मानते थे कि मेरे देश में जाने के लिए परमिट की क्या जरूरत है.उनको परमिट नहीं लेने के लिए जेल में डाला गया. श्यामा प्रसाद जी ने अपने जीवन का बलिदान अनुच्छेद 370 हटाने के लिए दिया. आज जम्मू-कश्मीर भी भारत हिस्सा है औऱ आने वाले कुछ सालों में यह देश का विकसित राज्य बनेगा.