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अमित शाह का बड़ा बयान, बोले- नक्सलियों के खात्मे के लिए तेज होगा ऑपरेशन

अमित शाह ने कहा, ''बीजापुर में जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाने के लिए उनका ये बलिदान देश हमेशा याद रखेगा.''

Updated on: 05 Apr 2021, 01:45 PM

highlights

  • बीजापुर में हुए नक्सली हमले के बाद छत्तीसगढ़ पहुंचे गृह मंत्री
  • अमित शाह ने भूपेश बघेल और टॉप सिक्योरिटी ऑफिसर्स के साथ की उच्च स्तरीय बैठक
  • गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलियों के खात्मे के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन तेज होगा

रायपुर:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले के बाद से एक्शन मोड में आ गए हैं. गृह मंत्री सोमवार सुबह जगदलपुर पहुंचे और नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उनके साथ मौजूद रहे. शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद अमित शाह ने हमले को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री बघेल के अलावा वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हुए. बैठक खत्म होने के बाद अमित शाह ने मीडिया से भी बातचीत की, जहां उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खात्मे के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन और तेज किया जाएगा.

बता दें कि शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के साथ हुए एनकाउंटर में 24 जवान शहीद हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 400 नक्सलियों की अलग-अलग टीम ने बीजापुर में जवानों को घेरकर हमला कर दिया था. जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी. इस एनकाउंटर में हमारे 24 जवान शहीद हुए और कई घायल हुए. जवानों पर हुए इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. एनकाउंटर की जानकारी मिलते ही अमित शाह ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपना असम दौरा रद्द करने का फैसला किया और वापस दिल्ली लौट आए. जिसके बाद वे सोमवार सुबह छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें रिसीव किया.

देश से नक्सलवाद को मिटाने के लिए अमित शाह ने सीधा संदेश दे दिया है. इससे साफ जाहिर है कि नक्सलियों के खात्मे के लिए अब जल्द ही बड़े ऑपरेशन की शुरुआत कर दी जाएगी. अमित शाह के बयान से ये भी साफ हो गया है कि देश के टॉप नक्सली निशाने पर हैं और उनका मारा जाना तय है. अमित शाह ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''बीजापुर में जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाने के लिए उनका ये बलिदान देश हमेशा याद रखेगा. बीते कुछ सालों में नक्सलियों के खिलाफ ये लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने इस लड़ाई को और आगे बढ़ाने का काम किया है.''