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हिजबुल मुजाहिद्दीन से अलग हुआ जाकिर मूसा, ऑडियो जारी कर कहा- इस्लाम की खातिर कर रहा हूं जंग

सोशल मीडिया पर जारी एक नए ऑडियो संदेश में मुसा ने कहा, 'मेरे अंतिम ऑडियो संदेश के बाद, कश्मीर में काफी उलझन हो गई है। मैं अपने बयान और संदेश पर कायम हूं।'

Updated on: 14 May 2017, 09:12 AM

highlights

  • हुर्रियत नेताओं के सिर काटने की बात पर नहीं मिला था मूसा को संगठन से समर्थन
  • ऑडियो जारी कर कहा- इस्लाम के लिए लड़ रहा हूं न कि किसी राष्ट्र के लिए
  • बुरहान वानी के बाद कश्मीर में हिजबुल की कमान संभाल रहा था मूसा

नई दिल्ली:

हुर्रियत नेताओं के सिर काटकर लाल चौक पर टांगने की बात पर समर्थन नहीं मिलने के बाद जाकिर मूसा ने शनिवार को हिजबुल मुजाहिद्दीन से अलग होने की घोषणा कर दी है।कश्मीर घाटी में बुरहान वानी के बाद आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन की कमान जाकिर मूसा ही संभाल रहा था।

मूसा का यह कदम उनके संगठन द्वारा उनके उस बयान से पल्ला झाड़ने के बाद आया है, जिसमें उसने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हुर्रियत नेताओं ने कश्मीर मामले को 'राजनीतिक' बताया तो वह उनके सिर काटकर उन्हें लाल चौक पर लटका देगा।

पिछले साल जुलाई में संगठन की कमान संभालने वाले मूसा ने घोषणा की है कि शनिवार के बाद उनका हिजबुल मुजाहिद्दीन से कोई नाता नहीं होगा। सोशल मीडिया पर जारी एक नए ऑडियो संदेश में मूसा ने कहा, 'मेरे अंतिम ऑडियो संदेश के बाद, कश्मीर में काफी उलझन हो गई है। मैं अपने बयान और संदेश पर कायम हूं।'

मूसा ने शुक्रवार को कहा था कि अगर हुर्रियत नेताओं ने कश्मीर मुद्दे को 'इस्लामिक संघर्ष' न बताकर 'राजनीतिक मुद्दा' करार दिया तो वह हुर्रियत नेताओं के सिर काटकर उन्हें श्रीनगर के लाल चौक पर लटका देगा।

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हिजबुल मुजाहिद्दीन ने हालांकि शनिवार को कहा कि मूसा के बयान से संगठन इत्तेफाक नहीं रखता।

हिजबुल के प्रवक्ता सलीम हाशमी ने कश्मीर की एक स्थानीय समाचार एजेंसी को भेजे गए एक ई-मेल बयान में कहा, 'इस तरह का बयान (मुसा का) हमारे लिए अस्वीकार्य है। इसमें जाकिर मूसा की निजी राय झलकती है।'

हिजबुल के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए मूसा ने ऑडियो संदेश में कहा, 'हिजबुल मुजाहिद्दीन ने कहा है कि उसका जाकिर मूसा के बयान से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए, अगर हिजबुल मुजाहिद्दीन मेरा प्रतिनिधित्व नहीं करता, तो मैं भी उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता हूं। आज के बाद से मेरा हिजबुल मुजाहिद्दीन से कोई लेना-देना नहीं है।'

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करीब 20-22 वर्षीय मूसा ने कहा कि उसने किसी खास व्यक्ति या हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के बारे में कुछ नहीं कहा। उसने कहा, 'मैंने केवल उस शख्स के विरुद्ध कहा है, जो इस्लाम के खिलाफ है और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के गठन के लिए आजादी की बात करता है।'

उसने कहा, 'हम इस्लाम की खातिर आजादी की जंग लड़ रहे हैं। मेरा रक्त इस्लाम के लिए बहेगा न कि किसी धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के लिए।'

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो संदेश में जाकिर ने कहा, 'मैं उन सभी पाखंडी हुर्रियत नेताओं को चेतावनी दे रहा हूं। उन्हें हमारी इस्लामिक लड़ाई में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम उनके सिर काटकर उन्हें लाल चौक पर लटका देंगे।'

उसने कहा कि कश्मीर में शरीयत लागू करने को लेकर उसकी लड़ाई का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है न कि वह कश्मीर मुद्दे को राजनीतिक संघर्ष बताकर उसका समाधान चाहता है। माना जा रहा है कि इस सप्ताह की शुरुआत में कश्मीरी सैन्य अधिकारी उमर फैयाज की हत्या में हिजबुल मुजाहिद्दीन का हाथ है।

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