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हिंदुस्तानी राखी (Hindustani Rakhi)( Photo Credit : फाइल फोटो)
छोटे व्यापारियों के संगठन कैटने सोमवार को इस वर्ष रक्षाबंधन के त्यौहार को देशभर में ‘हिंदुस्तानी राखी’ (Hindustani Rakhi) के तौर पर मनाने की घोषणा की. उसका दावा है कि इससे चीन को 4,000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान होगा. साथ ही वह सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए 5,000 राखियां भी भेजेगा. कंफेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT)ने एक बयान में कहा कि इस वर्ष तीन अगस्त को देश भर में रक्षाबंधन के त्यौहार को ‘हिन्दुस्तानी राखी त्यौहार’ के रूप में मनाने का निर्णय किया गया है.
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देशभर में ‘भारतीय सामान हमारा अभिमान’ अभियान चला रहा है कैट
इस बार न तो चीन की बनी किसी राखी या राखी से जुड़े सामान का उपयोग किया जाएगा. वहीं देश की सीमाओं की रक्षा में लगे सैनिकों के उत्साहवर्धन के लिए कैट की महिला शाखा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को 5000 राखियां देंगी जिसे वह उन तक पहुंचा सकें. इसके अलावा देश के प्रत्येक शहर के सेना अस्पतालों में भर्ती सैनिकों को अस्पतालों में जाकर और विभिन्न शहरों में लोगों की रक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी कैट की महिला सदस्य राखी बांधेंगी. कैट का दावा है कि देशभर में 40,000 से अधिक व्यापारी संगठन और उनके सात करोड़ सदस्य उससे जुड़े हैं. चीनी सामान का बहिष्कार करने के लिए कैट ने देशभर में ‘भारतीय सामान हमारा अभिमान’ अभियान चलाया है.
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कैट ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार हर साल लगभग 6 हजार करोड़ रुपये का राखियों का व्यापार होता है. इसमें अकेले चीन की हिस्सेदारी लगभग 4 हजार करोड़ रुपये होती है. कैट की दिल्ली-एनसीआर इकाई के समन्वयक सुशील कुमार जैन ने कहा कि राखी के अवसर पर जहां चीन से बनी हुई राखियां आती हैं. वहीं दूसरी ओर राखी बनाने का सामान जैसे फोम, कागज़ की पन्नी, राखी धागा, मोती, बूंदे, राखी के ऊपर लगने वाला सजावटी सामान इत्यादि का चीन से आयात होता है. कैट के चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान के चलते इस वर्ष कोई भी चीनी सामान राखी में उपयोग में नहीं होगा जिसके कारण चीन को लगभग 4 हजार करोड़ रुपये के व्यापार की चपत लगना तय है। कैट ने सभी राज्यों में अपनी इकाइयों और सदस्यों को इसके बारे में सूचना भेज दी है और उनसे इसके लिए तैयारियां करने के लिए कह दिया है.