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धर्म धारण किया जाता, मजहब मंजूर, यह देश हिंदुओं का है : आचार्य स्वामी धर्मेंद्र

हिंदू धर्म गुरु आचार्य स्वामी धर्मेंद्र ने कहा कि इस्लाम को काफिर की परिभाषा को स्पष्ट करना चाहिए. वहीं, उन्होंने हिंदू धर्म के बारे में कहा कि जो मुनस्मृति की मानवता धर्म को ना माने वह काफिर है.

Updated on: 08 Nov 2020, 03:05 PM

नई दिल्ली:

'धर्मांतरण जिहाद' पर  हिंदू धर्म गुरु आचार्य स्वामी धर्मेंद्र ने कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं की रक्षा के लिए एक ही समाधान है हिंदू संगठन, तभी हिंदू का अस्तित्व बचेगा. आचार्य स्वामी धर्मेंद्र ने कहा कि हिंदू कई जातियों और उपजातियों में बंटी हुआ है, जबकि इस्लाम एक में ही बंधा हुआ है. हिंदू प्रदर्शन कभी करते है तो वह अपने जाति के लिए, जब तक हिंदुओं एक नहीं होंगे तब तक यह चलता रहेगा. 

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हिंदू धर्म गुरु आचार्य स्वामी धर्मेंद्र ने कहा कि इस्लाम को काफिर की परिभाषा को स्पष्ट करना चाहिए. वहीं, उन्होंने हिंदू धर्म के बारे में कहा कि जो मुनस्मृति की मानवता धर्म को ना माने वह काफिर है. साथ ही कहा कि धर्म धारण किया जाता, मजहब मंजूर किया जाता है. यह देश हिंदुओं के रहने का स्थान है. सिंधु से हिंदू बना है. स्वामी धर्मेंद्र ने कहा, पैंगबर कहते है. गाय का दूध आरोग्य है. मांस खाना रोग है.

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आचार्य स्वामी धर्मेंद्र ने बताया कि बाबा साहब ने पाकिस्तान को भारी मन से स्वीकार किया था. उन्होंने कहा था जो बात नहीं मानता अलग रहना चाहता है उसके लिए इस देश में कोई स्थान नहीं है, जो भारत का बांटवारा हुआ है, वह इस बात की तस्दीक करता है. पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश नहीं है. वह हमारा शत्रु है.