हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह विधानसभा चुनाव के लिये अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। 9 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इस बार उनकी साख दांव पर लगी है।
वीरभद्र सिंह सोलन जिले की आर्की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जीत हासिल की थी।
कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए गए 83 साल के वीरभद्र सिंह, भारतीय जनता पार्टी के युवा उम्मीदवार रतन सिंह पाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक गोविंद राम की जगह पाल को टिकट दिया है।
वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह के टिकट को लेकर अभी भी संदेह बरकरार है, जो शिमला (ग्रामीण) से अपने चुनावी पदार्पण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस सीट पर उनके पिता ने 2012 में 19,073 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी।
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विक्रमादित्य वर्तमान में राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और उनके पिता ने पहले ही घोषित कर दिया था कि उनका बेटा शिमला (ग्रामीण) से अगला चुनाव लड़ेगा।
बीजेपी ने शिमला (ग्रामीण) से प्रमोद शर्मा को मैदान में उतारा है, जो कभी पहले वीरभद्र सिंह के करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाते थे।
कांग्रेस ने बुधवार को 59 उम्मीदवारों के साथ अपनी पहली सूची जारी कर दी और बाकी बचे 9 उम्मीदवारों की सूची शुक्रवार को घोषित किए जाने की उम्मीद है।
हिमाचल की 68 सदस्यीय विधानसभा के 2012 चुनाव में 73.92 प्रतिशत मतदान हुआ था। चुनाव में कांग्रेस के 36, बीजेपी के 26 सदस्य और छह निर्दलीय निर्वाचित हुए थे।
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की सभी चार सीटों को 53.85 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ जीता था। उस समय, राज्य में कांग्रेस को 41.07 प्रतिशत वोट मिले थे।
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Source : News Nation Bureau