हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में हिमस्खलन में दबे 5 जवानों का चार दिन बाद भी पता नहीं चल पाया है. जिसके बाद अब हिमस्खलन की एक्सपर्ट टीम (एवलांच एक्सपर्ट टीम) को सर्च ऑपरेशन के लिए बुलाया गया है. लापता जवानों को खोजने के लिए 220 आर्मी के जवान, 30 आईटीबीपी के जवान और स्नाइफर डॉग को लगे हुए है. सेना ने हिमस्खलन वाली जगह पर जाने के लिए पुलिस प्रशासन समेत सभी को प्रतिबंधित कर दिया है. यहां तक कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी वहां जाने के लिए सेना ने मनाही की है. केवल आईटीबीपी और सेना ही रेस्क्यू में लगी हुई है.
हिमस्खलन बुधवार को उस समय हुआ जब तिब्बत सीमा से सटे नामिया डोगरी के पास का ग्लेशियर खिसक गया जिसमें नियमित गश्त पर निकले जम्मू और कश्मीर राइफल्स के 16 सैनिकों में से छह बर्फ में दब गए. इस आपदा में भारत-तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) के पांच जवान भी घायल हो गए.
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि जिस समय हिमस्खलन हुआ तब सेना और आईटीबीपी की दो अलग-अलग पार्टियां नामगिया डोगरी में गश्त कर रही थीं. इस घटना में मरने वाले सैनिक की पहचान हिमाचल प्रदेश निवासी राजेश कुमार (41) के रूप में हुई है.
Source : News Nation Bureau