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हिजाब के लिए परीक्षा छोड़ने वाली छात्राओं को नहीं मिलेगा दूसरा मौका , साल बचाने के लिए करना होगा ये काम

कर्नाटक सरकार ने स्कूल और कॉलेजों में हिजाब की मांग को लेकर प्रैक्टिकल परीक्षा फिर से आयोजित करने से इनकार कर दिया है.  सरकार ने तर्क दिया है कि प्रेक्टिकल परीक्षा को फिर आयोजित करना हमारे लिए यह संभव नहीं है.

Updated on: 21 Mar 2022, 10:37 AM

highlights

  • कॉलेज में हिजाब बैन के खिलाफ छोड़ दिया था परीक्षा
  • 231 छात्राओं ने परीक्षा में बैठने से कर दिया था  इनकार
  • शिक्षा मंत्री ने दोबारा परीक्षा की संभावना को किया खारिज

नई दिल्ली:

कर्नाटक सरकार ने स्कूल और कॉलेजों में हिजाब की मांग को लेकर प्रैक्टिकल परीक्षा फिर से आयोजित करने से इनकार कर दिया है.  सरकार ने तर्क दिया है कि प्रेक्टिकल परीक्षा को फिर आयोजित करना हमारे लिए यह संभव नहीं है. कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि इन छात्राओं ने कोर्ट के फैसले के बाद भी विरोध-प्रदर्शन जारी रखा और प्रैक्टिकल एग्जाम का बहिष्कार कर दिया. उन्होंने कहा है कि अगर इस परीक्षा को फिर से आयोजित किया जाता है तो इससे एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी. इसके बाद कोई और आएगा और कोई कारण बताकर फिर से एग्जाम कराने की मांग करेगा, लिहाजा हम ऐसा नहीं कर सकते है. 

संभावना पर विचार से भी इनकार
कर्नाटक में प्री-यूनिवर्सिटी II (PU-II) के सैकड़ों छात्र-छात्राओं अब बिना प्रैक्टिकल परीक्षा के ही एग्जाम पास करना होगा. दरअसल, कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने उन छात्रों के लिए री-एग्जाम के विकल्प को साफ तौर पर खारिज कर दिया, जो बोर्ड परीक्षाओं के हिस्से के रूप में आयोजित किए गए प्रैक्टिकल्स के दौरान अनुपस्थित थै. उन्होंने कहा कि हम इसकी संभावना पर भी कैसे विचार कर सकते हैं? जब छात्राओं ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद भी हिजाब पहनने को लेकर प्रैक्टिकल परीक्षा का बहिष्कार किया और अब वह कह रहे हैं कि हमारे लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जाए. छात्रों की मांग को खारिज करते हुए उन्होंने दलील दी कि यदि हम इन छात्राओं को दोबारा परीक्षा में बैठने की अनुमति दे देंगे तो फिर कोई अन्य छात्र किसी अन्य कारण का हवाला लेकर आएगा और दूसरा मौका मांगेगा. लिहाजा, यह हमारे लिए संभव नहीं है. गौरतलब है कि इनमें ज्यादातर वे छात्र-छात्राएं शामिल हैं, जो स्कूल और कॉलेज में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं मिलने पर प्रैक्टिकल परीक्षा का बहिष्कार कर विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने को प्राथमिकता दी थी. आपको बता दें कि हिजाब मुद्दे को लेकर इन छात्र-छात्राओं ने फरवरी-मार्च में प्री-यूनिवर्सिटी II प्रैक्टिकल एग्जाम का बहिष्कार कर दिया था. 

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अब सिर्फ थ्योरी का है सहारा
आपको बता दें कि हिजाब मुद्दे को लेकर इन छात्र-छात्राओं ने फरवरी-मार्च में प्री-यूनिवर्सिटी II प्रैक्टिकल एग्जाम का बहिष्कार किया था. कर्नाटक में, कक्षा 12वीं को प्री-यूनिवर्सिटी II कहा जाता है. कर्नाटक बोर्ड के प्री-यूनिवर्सिटी II एग्जाम में, प्रैक्टिकल के 30 और थ्योरी के 70 अंक मिलाकर कुल 100 अंत प्रति पेपर होते हैं. प्रैक्टिकल परीक्षा में उपस्थित नहीं होने वाले छात्र पूरे 30 अंक खो देंगे, वे 70 अंकों की थ्योरी परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकते हैं और पूरे शैक्षणिक वर्ष को गंवाने से बचने के लिए इसे पास कर सकते हैं. गौरतलब है कि हिजाब मामले (Hijab Controversy) में कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) का फैसला आने के बाद भी कर्नाटक के उप्पीनांगडी स्थित सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनने की अनुमति न देने पर 231 मुस्लिम स्टूडेंट्स ने परीक्षा में बैठने से इनकार कर दिया था। ये सबी छात्राएं हिजाब पहनकर क्लासरूम में आने की इजाजत नहीं देने से नाराज थी.