/newsnation/media/post_attachments/images/2017/01/06/47-jayalallithapic.jpg)
File Photo- Getty images
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता जयललिता को भारत रत्न देने वाली याचिका को मद्रास हाई कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज़ कर दिया। अदालत ने कहा कि वह ऐसे मामलों में दखल देना नहीं चाहती है।
तमिलनाडु सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन के प्रबंध न्यासी के.के. रमेश ने जयललिता को भारत रत्न दिलाने के लिए याचिका दायर की थी। जिसे मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम सुंदर की पीठ ने ये कहते हुए ख़ारिज़ कर दिया कि वो केंद्र सरकार को इस मामले में कोई निर्देश जारी नहीं कर सकते।
ये भी पढ़ें- AIADMK की जनरल काउंसिल में 14 प्रस्ताव पास, जयललिता के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग
ज़ाहिर है कि दिवंगत नेता जयललिता की मृत्यु के बाद से ही AIADMK के नेता उन्हें भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में हाई कोर्ट का ये फ़ैसला AIADMK सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पार्टी की सांसद शशिकला पुष्पा भी काफी पहले राज्य सभा में यह मांग कर चुकी हैं कि जे जयललिता को भारत रत्न दिया जाए।
तमिलनाडु कैबिनेट ने जयललिता को भारत रत्न देने और संसद परिसर में उनकी कांस्य प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव पास कर, इन दोनों ही मांगों को केंद्र के सामने रखने का निर्णय लिया था। राज्य कैबिनेट ने जयललिता के स्मारक निर्माण के लिए भी प्रस्ताव पारित किया है, ये स्मारक 15 करोड़ की लागत से बनेगा। जयललिता का स्मारक उनके राजनीतिक गुरु एमजीआर के स्मारक के पास मरीना बीच पर बनेगा।
Source : News Nation Bureau