तेलंगाना उच्च न्यायालय ने टीआरएस विधायक रमेश चेन्नामनेनी की नागरिकता रद्द करने से संबंधित गृह मंत्रालय के आदेश पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी. रमेश ने गृह मंत्रालय का आदेश रद्द करने का अनुरोध करते हुए बृहस्पतिवार को अदालत में याचिका दायर की थी. न्यायमूर्ति चल्ला कोनडांडा राम ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिये 16 दिसंबर की तारीख तय की. टीआरएस विधायक ने अपनी याचिका का निबटारा होने तक उनके खिलाफ संबंधित मामले मे लंबित सारी कार्यवाही निलंबित करने का अनुरोध किया है.
रमेश पिछले साल वेमुलावाड़ा विधानसभा क्षेत्र से तेलंगाना विधानसभा के लिये दुबारा निर्वाचित हुए थे. गृह मंत्रालय ने उनकी नागरिकता रद्द करने के संबंध में बुधवार को नया आदेश जारी किया था. आरोप है कि चेन्नामनेनी ने नागरिकता के लिये आवेदन करने के तुरंत बाद 12 महीने की अवधि के दौरान अपनी भारत यात्रा से संबंधित तथ्य छिपायी थी. अपने आदेश में मंत्रालय ने कहा कि संबंधित प्राधिकरण ने उनके विधायक पद और उनकी पृष्ठभूमि जैसे अलग-अलग पहलुओं पर विचार किया है.
इसके अनुसार, ‘उनकी गलत जानकारी/तथ्य छिपाने के कारण शुरू में भारत सरकार अपना फैसला लेने में भ्रमित हुई.’ मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि यदि उन्होंने इस तथ्य का खुलासा किया होता कि आवदेन करने से पहले एक साल के लिये वह भारत में नहीं थे तो ऐसी स्थिति में मंत्रालय में संबधित प्राधिकारी उन्हें नागरिकता प्रदान नहीं करता. रमेश की ओर से पेश हुए वाई रामाराव ने दलील दी कि नागरिकता से सिर्फ तभी वंचित किया जा सकता है जब व्यक्ति का आचरण ‘सार्वजनिक जीवन के अनुकूल’ नहीं हो. अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए रमेश ने कहा कि वह इस आदेश से वह खुश हैं.
Source : भाषा