राजस्थान हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अगुवाई में राज्य में पार्टी के 'गौरव यात्रा' के दौरान हुए खर्च से संबंधित जनहित याचिका पर राज्य बीजेपी अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। एक वकील ने यह जानकारी दी। याचिकाकर्ता वकील विभूति भूषण शर्मा ने कहा कि अदालत ने बीजेपी राज्य इकाई के अध्यक्ष मदनलाल सैनी को 16 अगस्त तक इस संबंध में हुए खर्च के बारे में अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। शर्मा के जनहित याचिका को मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग की अदालत में पेश किया गया।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चार अगस्त को राजसमंद के चारभुज मंदिर से 'राजस्थान गौरव यात्रा' को हरी झंडी दिखाई थी, जिसे इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के अभियान की आधिकारिक शुरुआत माना गया था।
जनहित याचिका में कहा गया है कि 'गौरव यात्रा' सत्तारूढ़ पार्टी की पहल है और सवाल यह है कि राज्य सरकार ने एक अगस्त को लोक निर्माण विभाग को यात्रा के लिए मंच, साउंड सिस्टम, सजावट की व्यवस्था करने और इसके लिए निविदाएं आमंत्रित करने के आदेश दिए थे।
जनहित याचिका में राज्य के मुख्य सचिव, पीडब्ल्यूडी के मुख्य सचिव, मुख्य अभियंता और भाजपा राज्य इकाई के अध्यक्ष मदनलाल सैनी को प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिकाकार्ता ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को इसमें कार्य की जिम्मेदारी सौंपने पर भी सवाल उठाए हैं।
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शर्मा ने कहा कि मुख्य सचिव और पीडब्ल्यूडी के वकीलों ने अदालत से शुक्रवार को कहा कि यात्रा के लिए खर्च से संबंधित आदेश वापस ले लिया गया है।
शर्मा ने कहा, 'मुख्य न्यायाधीश ने हालांकि इसके बाद कहा कि इस मामले की सुनवाई आवश्यक है। मुख्य न्यायाधीश ने सैनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उन्हें 16 अगस्त तक पार्टी का पक्ष रखने का आदेश दिया।'
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राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने दावा किया है कि सरकार के फंड का यात्रा में दुरुपयोग किया जा रहा है और इसके साथ ही उन्होंने मीडिया को राज्य सरकार द्वारा पीडब्ल्यूडी को जारी आदेश की प्रति दिखाई।
Source : IANS