धनबाद के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में सीबीआई जांच की नई कहानी पर झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर गहरी नाराजगी जाहिर की है। इस मामले में सीबीआई की ओर से हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान बताया गया था कि पकड़े गये दोनों अभियुक्त चोरी-छिनतई जैसे अपराधों में संलिप्त रहे हैं और मॉनिर्ंग वॉक पर निकले जज से उनका मोबाइल छीनने के चक्कर में संभवत: उन्हें ऑटो से टक्कर मारी गयी थी, जिसमें उनकी मौत हो गयी। हालांकि अपराधी मोबाइल छीनने में सफल नहीं हो पाये थे। उनसे इस बारे में पूछताछ की जा रही है। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई की इस थ्योरी पर हैरत जतायी। अदालत ने सीबीआई को दोनों अभियुक्तों की दो बार करायी गयी नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट की सीलबंद रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
अदालत ने कहा कि यह सुनियोजित तरीके से अंजाम दी गयी हत्या की वारदात है, लेकिन सीबीआई जांच की दिशा अब तक स्पष्ट नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज चलाया गया और कोर्ट ने सीबीआई के जांच अधिकारी से पूछा कि फुटेज में तो कहीं नहीं दिखता कि जज का मोबाइल छीनने की कोशिश की गयी है? इस पर जांच अधिकारी ने कहा कि उसी वक्त दोनों ओर से बाइक आ रही थी, इसलिए ऑटो वाले ने पकड़े जाने के डर मोबाइल नहीं छीना। अदालत ने कहा कि वह इस मामले में अभियुक्तों के जितने भी तरह के टेस्ट कराये गये हैं और उनसे जितनी पूछताछ हुई है, उससे जुड़े सभी रिकॉर्डस की समीक्षा करेगी। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 जनवरी मुकर्रर की है।
धनबाद के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज उत्तम आनंद की हत्या पिछले साल 28 जुलाई को ऑटो से टक्कर मारकर उस वक्त कर दी गयी थी, जब वह सड़क के किनारे मॉनिर्ंग वॉक कर रहे थे। इस मामले में सीबीआई के अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने पर झारखंड उच्च न्यायालय ने पहले भी तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा था कि लगता है यह मामला अनसुलझा ही रह जाएगा। सीबीआई द्वारा अदालत को बताया गया था कि जहां घटना हुई, वहां के मोबाइल टावर नेटवर्क से जुड़े 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की गयी है, लेकिन अभी तक कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी है। दोनों आरोपियों का दो बार दोबारा ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराया गया है।
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Source : IANS