झारखंड कांग्रेस के विधायकों ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा है कि चुनाव घोषणा पत्र में किये गये वादे के अनुसार ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठायें। शनिवार को कांग्रेसी मंत्रियों और विधायकों के एक दल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनसे घोषणा पत्र के प्रमुख बिंदुओं के साथ-साथ राज्य में रिक्त पदों पर नियुक्तियों, पंचायत चुनाव, बोर्ड-निगम और आयोग के गठन सहित कई मुद्दों पर बात की।
मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमें सभी बिंदुओं पर सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा मिला है। बैठक में शामिल रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद इस मुद्दे पर सहमति बनी है कि हमलोग एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार कर उसपर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी तरह के बोर्ड, निगम और आयोग का गठन जल्द किये जाने को लेकर भी मुख्यमंत्री ने हमें आश्वस्त किया है। सभी जिलों में 20 सूत्री कमिटियों का गठन भी जल्द हो जायेगा। इस फार्मूले पर भी सहमति बन गयी है।
कांग्रेस विधायकों के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की वजह से कई मामले लंबित रह गये। अब कोशिश है कि सभी सेक्टर में तेजी से बेहतर काम हो। कांग्रेस विधायकों ने राज्यस्तरीय नियुक्तियों में मगही, मैथिली, भोजपुरी, हिंदी और अंगिका को शामिल करने की मांग भी प्रमुखता से उठायी। मालूम हो कि पिछले दिनों सरकार द्वारा घोषित झारखंड राज्य कर्मचारी आयोग नियुक्ति नियमावली में इन भाषाओं को नहीं शामिल किया गया है। सरकार में शामिल कांग्रेस के विधायक सरकार के इस निर्णय से असहमत हैं। कांग्रेस नेताओं ने पंचायतों के चुनाव जल्द कराने और विस्थापितों की समस्याओं के निदान के लिए राज्य में विस्थापन आयोग जल्द गठित करने की मांग रखी।
कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री से कहा कि राज्य और जिलों में अधिकारियों द्वारा पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने का निर्देश दिया जाये।
मुख्यमंत्री से मिलने वालों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक दल के नेता एवं मंत्री आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता, प्रदीप यादव, राजेश कच्छप, दीपिका पांडेय,अंबा प्रसाद,पूर्णिमा नीरज सिंह, विक्सल कोंगाड़ी, भूषण बाड़ा और बंधु तिर्की शामिल थे।
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Source : IANS