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पूर्वी भारत में आज से भारी बारिश की संभावना, यलो अलर्ट जारी

सोमवार को मौसम विभाग ने ट्विटर पर पूर्वी राज्यों और आसपास के क्षेत्रों के लिए अपने अनुमान साझा किए थे. जिसमें 10 से 14 जनवरी के दौरान विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल ओडिशा में हल्की/मध्यम वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है.

Updated on: 11 Jan 2022, 08:54 AM

highlights

  • 11 से 13 जनवरी तक पूर्वी क्षेत्रों में बारिश और घने कोहरे की चेतावनी
  • 11 और 13 जनवरी को ओडिशा में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की संभावना
  • 11 जनवरी को झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में बारिश हो सकती है

दिल्ली:

 Heavy Rain in eastern states : पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हुई बारिश की वजह से इन दिनों उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड (Cold Wave) पड़ रही है. पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी के बाद मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल चुका है. अब मौसम विज्ञान विभाग ने 11 से 13 जनवरी तक भारत के पूर्वी क्षेत्रों में बारिश और घने कोहरे की चेतावनी दी है. वहीं पूर्वी राज्यों में एक पश्चिमी विक्षोभ का सामना करने की वजह से भारी बारिश  (Heavy Rain ) हो सकती है. इसकी वजह से अगले कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई गई है. बारिश को लेकर मौसम विभाग (IMD) ने भी अनुमान व्यक्त किया है. मौसम विभाग पहले ही ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल (West Bengal) और बिहार (Bihar) राज्यों के लिए 11 जनवरी से 13 जनवरी के लिए यलो और नारंगी अलर्ट जारी कर चुका है. बारिश होने की वजह से इन राज्यों के तापमान में गिरावट भी आ सकती है.

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सोमवार को मौसम विभाग ने ट्विटर पर पूर्वी राज्यों और आसपास के क्षेत्रों के लिए अपने अनुमान साझा किए थे. जिसमें 10 से 14 जनवरी के दौरान विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम और ओडिशा में हल्की/मध्यम वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है. 11 और 13 जनवरी को ओडिशा में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई गई है मौसम विभाग ने 11 जनवरी को झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल, 12 जनवरी को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल (साथ ही सिक्किम और तेलंगाना) और 11 और 12 जनवरी को ओडिशा में बिजली और ओलावृष्टि और गरज के साथ बौछारें पड़ने की भी भविष्यवाणी की है.

बारिश से फसल नुकसान होने की संभावना

बारिश होने की संभावना से फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है. ओलावृष्टि और भारी होने की वजह से फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. उत्तरी भारत में लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश होने की वजह से चना, मटर, गेहूं और सरसों की फसल बर्बाद हो गई है.   

पश्चिमी विक्षोभ क्या है :

मौसम विभाग पश्चिमी विक्षोभ को भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान के रूप में बताता है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अचानक बारिश लाता है. मौसम विभाग का कहना है कि यह विक्षोभ एक गैर-मानसून वर्षा पैटर्न है जो पछुआ हवाओं द्वारा संचालित होता है.