CBI Vs CBI : सुप्रीम कोर्ट में दाखिल CVC की रिपोर्ट में आलोक वर्मा को पूरी तरह क्लीन चिट नहीं
CBI Vs CBI मामले में आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच के सामने सुनवाई शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट CVC द्वारा सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट पर सुनवाई करेगा. सीबीआई विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं दाखिल की गई थीं.
नई दिल्ली:
CBI Vs CBI मामले में आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो गई है. सुनवाई की शुरुआत में कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के वकील को CVC रिपोर्ट की कॉपी देने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने आलोक वर्मा से सोमवार तक सीलबंद लिफाफे में जवाब भी मांगा. मंगलवार को मामले की अगली सुनवाई होगी. राकेश अस्थाना की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की थी. इस पर सीजेआई रंजन गोगोई ने इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा-आलोक वर्मा को लेकर आगे जांच की ज़रूरत है. कोर्ट ने यह भी कहा - रिपोर्ट की गोपनीयता बरकरार रहनी चाहिए.
कोर्ट एम नागेश्वर राव के बतौर अंतरिम डायरेक्टर लिए गए फैसले, एके बस्सी के पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर और आलोक वर्मा की याचिका का समर्थन करने वाली मल्लिकार्जुन खड़गे की याचिका पर बाद में विचार करेगा. दरअसल सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में आलोक वर्मा के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए वक्त मांगा है. पूरी तरह से क्लीन चिट वाली बात नहीं है. कोर्ट ने कहा है कि सीवीसी की रिपोर्ट कुछ आरोपों को लेकर पूरी है, जबकि कुछ आरोपों पर अधूरी है.
सीबीआई में विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं दाखिल की गई थीं. याचिकाओं में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल दो साल का है, उससे पहले हटाना DSPE एक्ट का उल्लंघन है.
कॉमन कॉज की याचिका में राकेश अस्थाना और उनकी टीम के अधिकारियों के खिलाफ करप्शन के आरोपों की SIT जांच की मांग की गई है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की याचिका में भी आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने का विरोध किया गया है. दूसरी ओर, विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की याचिका में ख़ुद को छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को चुनौती दी गई है. साथ ही आलोक वर्मा को हटाने की भी मांग की गई है. हालांकि कॉज लिस्ट के मुताबिक, आज राकेश अस्थाना की अर्जी सुनवाई के लिए नहीं लगी है.
CVC (केंद्रीय सर्तकता आयोग) ने CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के बारे में अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर को CVC को दो हफ्तों में जांच पूरी करने का समय दिया था. बता दें कि सीबीआई के शीर्ष दो अधिकारियों (नंबर-1 और 2) के बीच उपजे विवाद के बाद सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था.
CVC के समक्ष पेश हुए थे वर्मा और अस्थाना
CVC की जांच के दौरान CBI निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी की अगुवाई में बनी समिति के समक्ष पेश हुए और एक-दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. जांच समिति में चौधरी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए. के. पटनायक और सतर्कता आयुक्त तेजेंद्र मोहन भसीन और शरद कुमार शामिल थे.
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