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रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत याचिका पर आज 2 बजे होगी सुनवाई, केटीएस तुलसी करेंगे पैरवी

एक दिन पहले रॉबर्ट वाड्रा ने पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा से जुड़ा हुआ है.

Updated on: 02 Feb 2019, 12:04 PM

नई दिल्ली:

मनी लांड्रिंग के एक मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट में दोपहर दो बजे सुनवाई होगी. रॉबर्ट वाड्रा की ओर से कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य और सीनियर एडवोकेट केटीएस तुलसी पेश होंगे. एक दिन पहले रॉबर्ट वाड्रा ने पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा से जुड़ा हुआ है. इसी मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट का रुख किया है.

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जमानत अर्जी में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है, मैं क़ानून का पालन करने इंसान हूं. यह केस और कुछ नहीं, बल्कि राजनीतिक द्वेष की भावना के चलते दर्ज़ किया गया है. अभी तक कोई जांच में शामिल होने के लिए समन नहीं मिला है,लकिन कभी भी जांच में शामिल होने के लिए समन किया जा सकता है. इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. मैं यूके अपनी बेटी की सर्जरी में बारे में जानकारी हासिल करने और बुजुर्ग मां की देखभाल के लिए गया था. समाज में मेरी प्रतिष्ठा है,परिवारिक आदमी हूं, क़ानून से भागने की कोई संभावना नहीं है.

ईडी की जांच कथित तौर पर वाड्रा की 19 लाख पाउंड (करीब 17 करोड़ रुपए) की विदेश की अघोषित संपत्ति के स्वामित्व से जुड़ी है. मनोज अरोड़ा 14 जनवरी को को धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुआ था. मनोज अरोड़ा को दिल्ली की एक अदालत ने तीन दिन पहले गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी थी. उसने धनशोधन के इस मामले में ईडी की जांच में सहयोग के लिए खुद को प्रस्तुत किया है. दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को मनोज अरोड़ा को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी थी और उसे एजेंसी की जांच से जुड़ने को कहा था.

मनोज अरोड़ा के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया गया है. ईडी ने यह मामला भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ नए काला धन कानून व कर कानून के तहत आयकर विभाग द्वारा एक अन्य मामले की जांच के दौरान उसकी भूमिका को लेकर दर्ज किया है. इसमें कहा गया है कि लंदन की संपत्ति भंडारी द्वारा खरीदी गई और इसके मरम्मत पर अतिरिक्त खर्च के बावजूद इसे खरीदी गई कीमत पर बेच दिया गया. ईडी का दावा है कि इस संपत्ति के असल मालिक वाड्रा हैं.