अयोध्या मामला : 32 दिन से सुनवाई चल रही है और आप लोगों की कवायद खत्म ही नहीं हो रही है: CJI

CJI ने नाराजगी जताते हुए कहा 32 दिन से सुनवाई चल रही है और आप लोग रोज कुछ न कुछ नया लेकर ही आ रहे हैं.

CJI ने नाराजगी जताते हुए कहा 32 दिन से सुनवाई चल रही है और आप लोग रोज कुछ न कुछ नया लेकर ही आ रहे हैं.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
Supreme Court

अयोध्या केस में मुस्लिम पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा की दलीलें आज जारीं थीं. मीनाक्षी अरोड़ा ASI की खुदाई की रिपोर्ट पर मुस्लिम पक्ष का रुख साफ करते हुए बता रहीं थीं कि, बुधवार को उन्होंने अपनी दलीलों में ASI रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर सवाल खड़े किए थे. गुरुवार मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि विवादित ढांचे के नीचे एक ईदगाह हो सकता है. वहां ASI की खुदाई मे मिले दीवारों के अवशेष ईदगाह के हो सकते है.

Advertisment

जस्टिस अशोक भूषण ने इस पर टोकते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष का तो ये मानना रहा है कि मस्जिद खाली जगह पर बनाई गई .लेकिन अब आप कह रही है कि उसके नीचे ईदगाह था? अगर ऐसा था तो ये आपकी याचिका में ये शामिल क्यों नही था. मीनाक्षी अरोड़ा ने जवाब दिया कि 1961 में जब हमने केस दायर किया तब ये मुद्दा ही नहीं था. ये बात तो 1989 में सामने आई.

यह भी पढ़ें- अफगानी राष्ट्रपति के चुनाव अभियान कार्यालय में विस्फोट, 3 की मौत

जब हिन्दू पक्ष ने मुकदमा दायर कर दावा किया कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी वह मेरी अब की जिरह रिपोर्ट पर आधारित है. मेरे कहने का मतलब है कि जब ये कहा जा रहा है कि दीवारें मंदिर की हो सकती है तो ये भी अनुमान लगाया जा सकता है कि ये दीवारें ईदगाह की है. अयोध्या मामले में मूल पक्षकारों के अलावा कुछ और वकीलों ने अपनी बात रखने की इजाजत CJI से मांगी. नाराजगी जताते हुए CJI ने कहा - 32 दिन से सुनवाई चल रही है. अभी भी कुछ न कुछ लेकर आपलोग आ रहे हैं! ये क्या है. हमारे पास वक्त की वैसे ही कमी है कोर्ट ने उन्हें सुनने से इंकार किया.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस ने झाबुआ से कांतिलाल भूरिया को उम्मीदवार बनाया

HIGHLIGHTS

  • मुस्लिम पक्ष की ओर से मीनाक्षी अरोड़ा बहस कर रही थी
  • 1961 में जब केस दायर हुआ तब ये दलीलें कहां थीं- मीनाक्षी 
  • सीजेआई ने सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों पर जताई नाराजगी
32nd day of Ayodhya Hearing Ayodhya Case CJI angry on Both side Supreme Court
      
Advertisment