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Corona Virus पर स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा बयान- संक्रमण के चेन को तोड़ना जरूरी, इसलिए विदेश से आए लोगों के साथ करें ये काम

कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने रविवार को संयुक्त प्रेसवार्ता की है.

Updated on: 22 Mar 2020, 06:08 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने रविवार को संयुक्त प्रेसवार्ता की है. इस दौरान लव अग्रवाल ने मीडियो को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना की उच्च स्तर पर मॉनिटर किया जा रहा है. अब जैसे-जैसे स्थिति बदलती रही उसी तरह एक्शन बदला है. संक्रमण के चैन को तोड़ना सबसे बड़ी चुनौती है.

लव अग्रवाल ने आगे कहा कि आज का जनता कर्प्यू सफल रहा है. पिछले कुछ दिनों में केस बढ़े हैं. आज कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को कहा कि चिन्हित जिलों में जरूरी सेवा को छोड़कर पूरी तरह बंद किए जाएं. बाहर से आए लोगों को अलग रखना सबसे जरूरी है. देश में अस्पतालों की तैयारी पूरी है.

उन्होंने कहा- कोरोना वायरस को लेकर अलग अस्पताल बनाया गया है, ताकि मालूम चले कि यह कोरोना का अस्पताल है. 111 लैब हैं. सरकार ने कोरोना वायरस के लिए अलग वार्ड बनाने के लिए तीन प्राइवेट को इजाजत दी है और 60 अस्पतालों को मंजूरी देना है.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने प्रेसवार्ता में कहा कि जो लोग विदेश से आए हैं आपको उन लोगों के लिए क्या करना चाहिए. उसकी रणनीति यह है कि उनको आइसोलेट किया जाए, ताकि चेन ऑफ ट्रांसमिशन टूटे. सबसे आसान तरीका है आइसोलेट करना. वायरस हवा में तो नहीं है, लेकिन संपर्क में आने से इसका संक्रमण होता है.

उन्होंने आगे कहा कि इस वायरस के संक्रमण का सिलसिला बहुत ज्यादा है. भारत सरकार के सभी विभाग और मंत्रालय लगे हुए हैं. भारत की अब तक कि रणनीति अच्छी रही है. वायरस का टेस्ट 2 दिन से लेकर 14 दिन में कभी भी पॉजिटिव हो सकते हैं. जितने संक्रमित होते हैं उसने से 5 प्रतिशत को ही अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है.