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सैनिक स्कूलों और राष्ट्रीय मिलिटरी स्कूल में लड़कियों के एडमिशन के संबंध में दायर एक याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। रक्षा मंत्रालय इन स्कूलों का संचालन करती है।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर की बेंच ने रक्षा मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए इस संबंध में उसके पक्ष को लेकर जानकारी मांगी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि एडमिशन की प्रक्रिया में 'संस्थागत पक्षपात' किया जाता है और सिर्फ लड़कों का ही एडमिशन लिया जाता है।
केंद्र सरकार के वकील संजीव नरूला ने बेंच कहा कि नेशनल डिफेंस अकादमी और सैनिक स्कूलों में लड़कियों को जल्द ही एडमिशन देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
हालांकि कोर्ट ने केंद्र को इस संबंध में हलफनामा दाखिल कर वस्तुस्थिति बताने की मांग की है और अगली सुनवाई के लिये 16 अप्रैल की तारीख तय की है।
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याचिकाकर्ता वकील कुश कालरा ने सरकार के वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से चलाए जा रहे स्कूलों की प्रक्रिया न सिर्फ संवैधानिक नियमों को बल्कि 'वो सैनिकों और रक्षा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों की लड़कियों के लिये एक ऐसी स्थिति बनाते हैं कि वो अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।'
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि लड़कियों को एडमिशन न देकर स्कूल सबको शिक्षा देने के अपने ही विज़न के खिलाफ जाते हैं।
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Source : News Nation Bureau