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विषम परिस्थितियों में पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक नहीं - जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट

हिंसक आंदोलन में बल प्रयोग करने के लिए सेना मजबूर हो जाती है

Updated on: 22 Sep 2016, 04:20 PM

जम्मू कश्मीर:

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने कश्मीर घाटी में अनियंत्रित भीड़ पर काबू करने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि सेना के पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए बार एसोसिएशन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन पॉल वसंताकुमार और न्यायाधीश अली मोहम्मद की पीठ ने कहा है कि जब भीड़ अनियंत्रित और हिंसक हो जाती है तो सेना को बल प्रयोग करना पड़ता है।

इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि जब मौके पर अधिकारी पैलेट गन के इस्तेमाल की इजाजत देते होंगे तो वो घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था को भी सुनिश्चित करते होंगे।

पैलेट गन के इस्तेमाल के रोक पर कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय ने खुद इसके लिए एक कमेटी बना रखी है जो इसका विकल्प तलाश रही हैं और जबतक उस कमेटी की रिपोर्ट और सरकार का फैसला सामने नहीं आ जाता तबतक विषम परिस्थितियों में पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाया जा सकता। 

गौरतलब है कि बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में जो हिंसक आंदोलन और प्रदर्शन हुए उसमें भीड़ को काबू करने के लिए सेना ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया था जिसमें हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे और कई सारे प्रदर्शनकारियों के आंखों की रोशनी तक चले जाने की बात सामने आई थी।

बुरहान वानी की मौत के बाद हिंसक आंदोलन में 70 से ज्यादा लोगों अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी।