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यूपी सरकार ने हाथरस पीड़िता के शव को आधी रात में जलाने की ये वजह बताई

यूपी का हाथरस गैंगरेप पीड़िता के शव को पुलिस द्वारा आधी रात में जलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका हैं. अब पूरे देश के साथ साथ कोर्ट भी जानना चाहती की पुलिस ने इतना अमानवीय कदम क्यों उठाया था.

Updated on: 06 Oct 2020, 01:49 PM

नई दिल्ली:

यूपी का हाथरस गैंगरेप पीड़िता के शव को पुलिस द्वारा आधी रात में जलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका हैं. अब पूरे देश के साथ साथ कोर्ट भी जानना चाहती की पुलिस ने इतना अमानवीय कदम क्यों उठाया था. आधी रात में पीड़िता के शव को जलाने का कारण जब यूपी सरकार से पूछा गया तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्हें ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि अगर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सुबह होने का इंतजार किया जाता तो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती थी.

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सरकार ने यह भी दावा किया कि परिवार के सदस्य भविष्य में हिंसा के आसार देखते हुए आधी रात में अंतिम संस्कार के लिए सहमत हुए और यह कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए किया गया.

सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने हलफनामा दायर किया. हलफनामा में कहा, हाथरस में पुलिस ने कानून के मुताबिक सभी जरूरी कदम उठाएं है. असाधरण हालतों के चलते रात के वक्त लड़की के अंतिम संस्कार जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. कुछ राजनीतिक पार्टियों और मीडिया का एक हिस्सा इस मामले को संप्रदायिक /जातीय रंग देने में लगा है. मेडिकल रिपोर्ट्स लड़की के साथ रेप होने जैसी कोई बात सामने नहीं आई है.

बता दें कि हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप और मौत के मामले में देशभर में आक्रोश है. इस केस की SIT से जांच कराने को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई खत्म हो गई. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच इस याचिका पर सुनवाई की. दिल्ली निवासी सत्यमा दुबे, विकास ठाकरे, रुद्रप्रताप यादव और सौरभ यादव ने यह जनहित याचिका दाखिल किया है. मामले में अब अलगे हफ्ते सुनवाई होगी.

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को चंदपा क्षेत्र में चार लोगों ने एक अनुसूचित जाति की युवती का गैंगरेप किया और फिर गला दबाकर उसे मारने की कोशिश भी की, जिससे पीड़िता की जीभ कट गई. पीड़िता का इलाज बीते रविवार तक अलीगढ़ में चला लेकिन सोमवार (28 सितंबर) को उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया, जहां पीड़िता ने मंगलवार को अंतिम सांस ली.

इसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया और शाम को शव हाथरस के लिए रवाना कर दिया गया. यहां लाकर पुलिस ने बुधवार तड़के करीब 2:45 बजे पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया. जिसके बाद मामला बढ़ता जा रहा है और विपक्षी दल पुलिस के कृत्य पर सवाल खड़े कर रहे हैं.