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हाथरस कांडः दलित की बेटी है तो मामला दबाएंगे डीएम-एसपी: पीड़िता की मां

पीड़िता की मां की नाराजगी उनके ऊपर फूट पड़ी. बेटी की गैंगरेप के बाद हत्या से गुस्साई पीड़िता की मां ने बेटी के साथ हुई दरिंदगी को लेकर एसपी और डीएम पर आरोप लगाए.

Updated on: 30 Sep 2020, 04:16 PM

नई दिल्‍ली:

उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ हुई गैंगरेप की घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश है. पुलिस ने मंगलवार की रात को परिवार वालों की इजाजत के बगैर जबरजस्ती युवती का अंतिम संस्कार कर दिया जिसके बाद से परिवारवाले और गांव वालों ने पुलिस पर नाराजगी जाहिर की है. युवती के अंतिम संस्कार के बाद बुधवार को स्थानीय सांसद राजवीर सिंह दिलेर पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने के लिए पहुंचे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता की मां की नाराजगी उनके ऊपर फूट पड़ी. बेटी की गैंगरेप के बाद हत्या से गुस्साई पीड़िता की मां ने बेटी के साथ हुई दरिंदगी को लेकर एसपी और डीएम पर आरोप लगाए.

बुधवार को जब स्थानीय सांसद राजवीर सिंह दिलेर पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंचे तब पीड़िता की मां का गुस्सा फूट पड़ा उसने कहा कि हमें हमारी बच्ची का मुंह भी आखिरी बार नहीं दिखाया गया. पीड़िता की मां ने डीएम और एसपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो कह रहे थे कि मेरी बेटी की हड्डी नहीं टूटी उसे चोट नहीं लगी है. ये लोग झूठ बोल रहे थे और मेरी बेटी को लेकर लगातार गलत बयानबाजी कर रहे थे साहब आए थे, वो कह रहे हैं कि बेटी की हड्डी नहीं टूटी और उसे चोट नहीं लगी है.

ये झूठ बोल रहे हैं और हर मसले पर गलत बयान दे रहे हैं. पीड़िता की मां डीएम और एसपी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि क्या अगर उनकी बेटी के साथ ऐसा हुआ होता तो वो बर्दाश्त कर लेते, अगर पीड़िता दलित की बेटी है तो फिर मामले को कैसे दबाने में लगे हैं. सांसद राजवीर सिंह दिलेर ने पीड़ित परिवार को ढांढस बधांते हुए कहा कि हम लोगों को यहां पर आने नहीं दिया जा रहा था क्यों कि मामला गंभीर है. मैं पीड़ित परिवार के साथ हूं और दोषियों पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाता हूं.

सीएम योगी ने गठित की एसआईटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में दलित युवती के साथ हुये कथित सामूहिक बलात्कार और बाद में इलाज के दौरान हुई उसकी मौत के मामले में बुधवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसके अध्यक्ष उप्र शासन के गृह सचिव भगवान स्वरूप होंगे. एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी. मुख्यमंत्री ने हाथरस की घटना के लिये दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने के निर्देश भी दिये हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये एक ट्वीट के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाथरस की घटना की जांच के लिये तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गयी है, जिसमें अध्यक्ष सचिव गृह, भगवान स्वरूप होंगे जबकि पुलिस उप महानिरीक्षक चंद्रप्रकाश व सेनानायक,पीएसी आगरा, पूनम सदस्य होंगे. एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी.

योगी सरकार ने फास्टट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये अन्य ट्वीट के मुताबिक, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना में फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं. उधर हाथरस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि युवती का अंतिम संस्कार बीती रात दो बजे परिजनों की सहमति से पुलिस बल के साथ किया गया. हाथरस जिले में गत 14 सितम्बर को कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और गला दबाये जाने की घटना की शिकार हुई 19 वर्षीय दलित युवती ने मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर के मुताबिक लड़की ने अपने साथ बलात्कार की वारदात के बारे में पुलिस को पहले कुछ नहीं बताया था मगर बाद में मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में उसने आरोप लगाया कि संदीप, रामू, लवकुश और रवि नामक युवकों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था. विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश करते हुए उसका गला दबाया था.