प्रियंका गांधी (Photo Credit: फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(CBI) ने चार आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया. आरोपियों के वकील ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के आरोप लगाए हैं तथा हाथरस में स्थानीय अदालत ने संज्ञान लिया है. इसे लेकर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोला है.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि एक तरफ सरकार सरंक्षित अन्याय था. दूसरी तरफ परिवार की न्याय की आस थी. पीड़िता का शव जबरदस्ती जला दिया गया. पीड़िता को बदनाम करने की कोशिशें हुईं. परिवार को धमकाया गया, लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई. सत्यमेव जयते...
एक तरफ सरकार सरंक्षित अन्याय था।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 18, 2020
दूसरी तरफ परिवार की न्याय की आस थी।
पीड़िता का शव जबरदस्ती जला दिया गया। पीड़िता को बदनाम करने की कोशिशें हुईं। परिवार को धमकाया गया।
लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई।
सत्यमेव जयते#HathrasCase pic.twitter.com/X4qD0BVjjs
उल्लेखनीय है कि हाथरस में इस दलित युवती से अगड़ी जाति के चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर बलात्कार किया था. इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी. इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी. युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था.
हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अंत्येष्टि परिवार की इच्छा के अनुसार की गई. अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने मामले के आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू--की भूमिका पर गौर किया है, जो न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने बताया कि गुजरात के गांधीनगर स्थित प्रयोगशाला (लैबोरेट्री) में आरोपियों की विभिन्न फोरेंसिक जांच भी की गई है.
सीबीआई के जांचकर्ता जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सकों से भी मिले। कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद पीड़िता को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को व्यापक स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा था. बाद में, यह मामला सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया गया। सीबीआई ने घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की और जांच कार्य अपनी गाजियाबाद (उप्र) इकाई को सौंपा था. टीम, पीड़िता के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर चुकी है.