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CAA क्या BJP के लिए दोधारी तलवार बन गया है? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas

देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां जोरशोर से जुटी हैं. पश्चिम बंगाल और असम के लिए भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है.

Updated on: 23 Mar 2021, 09:19 PM

नई दिल्ली:

देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां जोरशोर से जुटी हैं. पश्चिम बंगाल और असम के लिए भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है. भाजपा ने बंगाल के मैनिफिस्टो में CAA का जिक्र किया है, जबकि असम के घोषणा पत्र में CAA का जिक्र नहीं है.  भाजपा ने कहा कि बंगाल में सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में CAA लाएंगे तो वहीं असम के हित में एक सही NRC पर काम करेंगे. चुनावी घमासान में कैसे हुई CAA की एंट्री? CAA पर शाह को कांग्रेस ने क्या दी चुनौती? एक कानून पर दो अलग-अलग 'संकल्प' क्यों? CAA पर बंगाल में शोर...असम में 'सन्नाटा' CAA क्या BJP के लिए दोधारी तलवार बन गया है? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश. 

  • आज ही असम में भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र जनता के सामने रखा हैः गौरव भाटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
  • सीएए दशकों पुरानी मांग थी जिसे भारतीय जनता पार्टी ने संसद से पास करवाया है : गौरव भाटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
  • जेपी नड्डा ने पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि सीएए जरूर लागू किया जाएगाः गौरव भाटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
  • कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह जब विपक्ष में बैठते थे तो वो भी सीएए की वकालत करते थेः गौरव भाटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
  • क्या कोई कानून विधायिका या सरकार वापस ले सकती हैः गौरव भाटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
  • कांग्रेस ऐसे ही धोखे की बात करके जनता को बरगलाने की कोशिश करती हैः गौरव भाटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
  • हमारा मेनिफेस्टो भी यही कहता है कि यहां के स्थानीय लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखा जाएगाः गौरव भाटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
  • बंगाल में पहली ही कैबिनेट मीटिंग में सीएए लागू हो जाएगा और असम में चुपचाप बैठे रहेंगेः सुप्रिया श्रीनेत, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस   
  • यह एक नैतिक दिवालियापन है क्योंकि पश्चिम बंगाल में पहले ही लागू हो जाएगा, लेकिन असम और तमिलनाडु में क्यों नहींः सुप्रिया श्रीनेत, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
  • देश के नागरिकों को वोटबैंक समझती है कांग्रेस : गौरव भाटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
  • बीजेपी मुद्दों से ध्यान भटकाती हैः सुप्रिया श्रीनेत, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
  • कोई घुसपैठिया देश में नहीं रहेगा : गौरव भाटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
  • कोरोना काल में सीएए का कानून नहीं बन पाया, लेकिन किसानों के लिए तीन-तीन कानून बन गएः सुप्रिया श्रीनेट, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
  • बीजेपी का असली चेहरा जनता के सामने आया : सुप्रिया श्रीनेट, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
  • बंगाल में सीएए लागू करना चाहते हैं, लेकिन असम में नहीं : सुप्रिया श्रीनेत, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
  • जब बात देश की अखंडता और सुरक्षा की बात हो तो सभी का समर्थन होना चाहिएः रोहित शर्मा, पुणे, दर्शक
  • बंगाल में सीएए एक ख्वाब है यहां पर सीएए आने ही नहीं दिया जाएगाः तौसीफ रहमान, नेता, TMC
  • यदि मान लिया जाए कि तमिलियन हिन्दू अगर वहां प्रताड़ित होते हैं तो वो नागरिकता की मांग करते हैंः प्रो. संगीत रागी, राजनीतिक विश्लेषक
  • पाकिस्तान का बंटवारा ही ये कहकर हुआ था कि हम दो अलग-अलग धार्मिक मान्यताओं से हैं इसलिए हम अलग देश चाहते हैं : प्रो. संगीत रागी, राजनीतिक विश्लेषक
  • जब 370 निष्प्रभावी बनाई गई तो कांग्रेस की चीख क्यों निकलने लगीः प्रो. संगीत रागी, राजनीतिक विश्लेषक
  • देश के सभी शुभचिंतकों को नेहरू के समय से ही चुन-चुनकर निकाल दिया गया थाः प्रो. संगीत रागी, राजनीतिक विश्लेषक
  • यहां से कोरोना काल में जब व्यक्ति पैदल जा रहा था तो ये उसे घर नहीं पहुंचा पा रहे थे और दूसरे देश के लोगों को लाने की बात कर रहे हैंः तौसीफ रहमान, नेता, TMC
  • कृषि बिल लाकर दूसरे देश के लोगों को भी प्रताड़ित करने का प्लान कर रहे हैंः तौसीफ रहमान, नेता, TMC
  • ये दुधारी तलवार नहीं है ये राजनीतिक अवसरवादिता हैः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
  • पिछले कुछ दिनों से भारतीय जनता पार्टी असम में बांग्लादेशियों के घुसपैठ का मुद्दा उठा रही हैः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
  • पहले जब इन्हें जमीनी बात नहीं पता थी तब वो घुसपैठी थी जब इन्हें पता चला कि ज्यादातर मात्रा में हिन्दू हैं तो भाषा बदल गई और घुसपैठी शरणार्थी बन गएः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
  • मुझे ऐसे लोगों से कोई मुहब्बत नहीं है जो 70 साल पहले देश छोड़कर बाहर चले गए थेः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
  • असम में मुद्दा है ही नहीं ये एक विषय था कांग्रेस पहले किसी बात का मुद्दा बनाती है फिर उसका विरोध करती क्योंकि ये अपनी राजनीतिक रोटी सेंकती हैः राहुल अधाना, दिल्ली