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हरियाणा का टोहाना बना किसान आंदोलन का केंद्र, गतिरोध जारी, सोमवार को थानों का घेराव

कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच दिल्ली की सीमाओं के अलावा अब हरियाणा के फतेहाबाद का टोहाना अब आंदोलन का एक नया केंद्र बन गया है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के सभी प्रमुख नेता टोहाना में मौजूद हैं.

Updated on: 06 Jun 2021, 11:17 PM

highlights

  • हरियाणा का टोहाना बना किसान आंदोलन का केंद्र,
  • किसान और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध जारी
  • किसान सोमवार को थानों का करेंगे घेराव

 

नई दिल्ली:

कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच दिल्ली की सीमाओं के अलावा अब हरियाणा के फतेहाबाद का टोहाना अब आंदोलन का एक नया केंद्र बन गया है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के सभी प्रमुख नेता टोहाना में मौजूद हैं. दूसरे दिन रविवार को भी किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी है. सोमवार को राज्य के सभी थानों का घेराव करने की योजना है. एसकेएम के अनुसार, टोहाना में दूसरे दिन भी किसानों और हरियाणा सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है. जबकि जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने 1 जून को प्रदर्शनकारियों को गालियां देने के लिए कल रात को ही माफी मांग चुके हैं.

एसकेएम ने बयान जारी कर कहा है, पुलिस प्रशासन मामलों को वापस लेने के लिए सहमत नहीं था. सैकड़ों किसानों को टोहाना पुलिस स्टेशन में रात बितानी पड़ी, क्योंकि एसकेएम के दो गिरफ्तार नेता रवि आजाद और विकास सीसर जिन्हें हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उन्हें रिहा नहीं किया गया. यह विरोध प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा के गुरनाम सिंह चढ़ूनी, राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह, जोगिंदर नैन, सुरेश कोठ और अन्य विरोध प्रदर्शन के नेतृत्व में चलाया जा रहा है. विरोध जारी रखने के लिए किसानों को थाने के बाहर शामियाना लगाना पड़ा है.

हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े नेताओं ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे तब तक पुलिस स्टेशन से नहीं हटेंगे, जब तक कि गिरफ्तार किए गए दो नेताओं पर लगाए गए मामले वापस लेते हुए उन्हें रिहा नहीं कर दिया जाता है. कई घंटे के बैठकों को अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. एसकेएम के अनुसार, हरियाणा किसान संघों ने घोषणा की है कि 7 जून को राज्य के सभी पुलिस थानों का राज्यव्यापी घेराव किया जाएगा. हरियाणा के सभी नागरिकों से अपने स्थानीय पुलिस थानों में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की जा रही है. वहीं सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार के किसानों से एक विशेष अपील है कि सामूहिक शक्ति दिखाने के लिए टोहाना थाने में बड़ी संख्या में इकट्ठा हों, जबकि अन्य जिलों के किसान अपने-अपने स्थानीय पुलिस थानों में विरोध प्रदर्शन करें.

हरियाणा के अलावा दिल्ली की सीमाओं पर किसान लगातार जुट रहे हैं. सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर और अन्य स्थानों पर फिर से हजारों प्रदर्शनकारी विरोध में उतरना शुरू कर दिया है. सैकड़ों वाहनों के बड़े काफिले रविवार को भी विरोध स्थलों में शामिल हुए, खासकर हरियाणा के अंबाला से, जिसका नेतृत्व बीकेयू गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किया.

एसकेएम के नेताओं ने कहा, भाजपा के नेता यह प्रचारित करने की कोशिश कर रहे हैं कि विरोध स्थलों पर किसानों की संख्या घटती जा रही है, मगर सरकार को पता होना चाहिए कि सच्चाई इसके विपरीत है. सभी विरोध स्थलों पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हो रहे हैं.