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काम की बातः यहां कुत्ते ने काटा तो सरकार देगी मुआवजा, पढ़ें हाई कोर्ट का फैसला

Dog Bite Cases: हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कुत्ता काटने के केस इतने ज्यादा बढ़ गए हैं कि लोगों को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है. कोर्ट ने कहा कि डॉग बाइट के केस में राज्य सरकार ही जिम्मेदार होगी

Updated on: 14 Nov 2023, 06:13 PM

New Delhi:

Dog Bite Cases: देश के कुछ राज्यों में कुत्ते काटने के केस तेजी के साथ बढ़ रहे हैं. यहां तक कि पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर कुत्ता काटने के कई वीडियों तक वायरल हुए हैं, जिसमें लोगों की जान तक चली गई हैं. देश के दो राज्यों में तो कुत्ता काटने के केस इतने ज्यादा बढ़ गए कि हाई कोर्ट तक को हस्तक्षेप करना पड़ा. हम बात कर रहे हैं पंजाब-हरियाणा और चंडीगढ़ की. दरअसल, यहां कुत्ता काटने के मामलों में हाई कोर्ट ने काफी सख्ती दिखाई है. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने डॉग बाइट के केस में राज्य सरकारों को मुआवजा देने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट के न्यायधीश विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने ऐसी 193 याचिकाओं का निपटारा करते हुए ये निर्देश जारी किए. 

डॉग बाइट के केस में राज्य सरकार ही जिम्मेदार

हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कुत्ता काटने के केस इतने ज्यादा बढ़ गए हैं कि लोगों को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है. कोर्ट ने कहा कि डॉग बाइट के केस में राज्य सरकार ही जिम्मेदार होगी. हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के साथ चंढीगढ़ प्रशासन को कुत्ता काटने के केस में मुआवजा राशि तय करने के लिए समितियों का गठन करने का आदेश दिया है. समितियों के गठन की जिम्मेदारी संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को सौंपी है. इसके साथ ही समितियों को डॉग बाइट के मामलों में जांच कर चार महीनों के भीतर मुआवजा भुगतान भी करना होगा. हाई कोर्ट ने कहा कि सड़कों और गली-मोहल्लों में घूमने वाले पशुओं के कारण होनी वाली दुर्घटनाओं और कुत्ता काटने के केस इतने बढ़ गए हैं कि लोगों को अब अदालत की चौखट पर आना पड़ रहा है.

जख्म के हिसाब से मिलेगा पैसा

उच्च अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में पीड़ित के मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार ही मुख्य रूप से जिम्मेदार होगी. कोर्ट ने कहा कि सड़कों पर घूमने वाले पशुओं को वजह से मरने वाले लोगों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि इससे मानव जीवन प्रभावित हो गया है. इसलिए उचित होगा कि राज्य सरकार इसकी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि डॉग बाइट केस में पीड़ित को न्यूनतम आर्थिक मदद दस हजार रुपए दी जाए. जबकि मांस नोंचने के केस में प्रति 0.2 सेमी जख्म के हिसाब से मुआवजा की न्यूनतम राशि 20 हजार रुपए होनी चाहिए. इन शिकायतों के लिए कोर्ट ने पुलिस को भी डीडीआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.