देश में राष्ट्रवाद पर छिड़ी बहस के बीच हरियाणा की बीजेपी सरकार का एक कदम नया विवाद छेड़ सकता है। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार प्राचीन सिंधु सभ्यता का नाम बदलकर सरस्वती घाटी सभ्यता रखने की तैयारी कर रही है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड (HSHDB) जल्द ही नाम बदलने को लेकर अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को भेज सकती है। HSHDB के चेयरमैन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं।
बता दें कि पिछले ही साल 'सरस्वती' नदी के अस्तित्व के बारे में पता लगाने को लेकर कोशिशों के तहत सरकार ने पुरातात्विक खुदाई में नदी की मौजूदगी का दावा किया था। इसके बाद सात महीने पहले सरकार ने खुदाई के स्थल पर पानी छोड़ कर नदी की धारा पहचानने का काम किया था।
यह भी पढ़ें: सतलज-यमुना लिंक नहर विवाद: इनेलो ने किया 'जलयुद्ध' का ऐलान, राज्य सीमा पर हाई अलर्ट जारी
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इसी साल जनवरी में सरस्वती महोत्सव का भी आयोजन किया गया। इसी महोत्सव के तहत कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में सरस्वती नदी पर दो दिनों के अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का भी आयोजन किया गया।
HSHDB के उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज ने बताया, 'हमने सेमिनार के आखिर दिन एक प्रस्ताव पास किया जिसमें सिंधु घाटी सभ्यता को सरस्वती सभ्यता नाम देने की बात कही गई है। भारत में सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े 1097 जगहें हैं। जबकि पाकिस्तान में केवल 70 से 80 जगहें हैं।'
दूसरी ओर विपक्ष के नेता और आईएनएलडी नेता अभय सिंह चौटाला के मुताबिक, इसरो का नक्शा बताता है कि नदी कच्छ के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल होती थी। अभय सिंह ने सवाल उठाया कि क्या सरस्वती नदी पहले पाकिस्तान जाती थी और फिर इलाहाबाद आती थी जहां वह गंगा और यमुना से मिल जाती थी।
यह भी पढ़ें: हरियाणा सरकार जाट आंदोलन पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए तैयार, फरवरी 2016 में हुई थी हिंसा
HIGHLIGHTS
- मनोहर लाल खट्टर सरकार की सिंधु घाटी सभ्यता को नया नाम देने की तैयारी
- छिड़ सकता है विवाद, पिछले साल सरस्वती नदी के अस्तित्व के खोज का हरियाणा सरकार ने किया था दावा
Source : News Nation Bureau