हरियाणा में 18.5 करोड़ राजस्व रिकॉर्ड हुए डिजिटल
हरियाणा में 18.5 करोड़ राजस्व रिकॉर्ड हुए डिजिटल
चंडीगढ़:
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत राज्य के राजस्व रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण कर लोगों की बेहतरी के लिए एक उल्लेखनीय और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है।राज्य स्तर पर और सभी जिलों में 18.5 करोड़ रिकॉर्ड स्कैन और डिजिटाइज किए गए हैं, जो एक माउस के क्लिक पर आसानी से उपलब्ध होंगे।
भ्रष्टाचार को खत्म करने और व्यवस्था में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए यह सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।
यहां कैंप कार्यालय में वर्चुअल बैठक के माध्यम से प्रदेश के सभी 22 जिलों में आधुनिक राजस्व रिकार्ड रूम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री सभी जिलों में मौजूद कैबिनेट मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से सीधे संवाद कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पहले बंडलों में बंधे पुराने राजस्व रिकॉर्ड को बनाए रखना, संरक्षित करना और ढूंढना एक मुश्किल काम था। अभिलेखों को खोजने में भी काफी समय लगता था और अभिलेखों के क्षतिग्रस्त होने, फटने, गायब होने या छेड़छाड़ होने की संभावना थी।
24 जून 2017 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कैथल जिले में राज्य का पहला आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम स्थापित किया गया था और उसके बाद 25 दिसंबर 2019 को सुशासन दिवस के अवसर पर सभी जिलों के लिए आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम परियोजना शुरू की गई थी।
ये रिकॉर्ड रूम सभी जिलों में समय से पहले तैयार कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 75वां अमृत महोत्सव पूरे देश में मनाया जा रहा है और हरियाणा ने महत्वपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड को डिजिटाइज करके ई-गवर्नेंस सेवाओं का और विस्तार किया है।
भविष्य में अन्य विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण अभिलेखों का भी इसी तरह से डिजिटलीकरण किया जाएगा। आगे इस रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन से कई योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आएगी और इस प्रणाली से जनता के लिए सब कुछ सुविधाजनक हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई मंचों पर राज्य द्वारा जनता के हित में की गई योजनाओं और कार्यों की सराहना की है और बाद में उन योजनाओं और कार्यक्रमों को केंद्रीय स्तर पर और अन्य राज्यों में भी शुरू किया गया है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, (जिनके पास राजस्व और आपदा प्रबंधन विभागों का विभाग भी है) ने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड बहुत महत्वपूर्ण हैं और पुराने रूढ़िवादी तरीके से उन्हें ठीक से संरक्षित करना एक चुनौती थी।
राजस्व विभाग ने मुख्यमंत्री के आह्वान पर कम समय में अभिलेखों को स्कैन कर एनआईसी के पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। इस तरह से रिकॉर्डस को डिजिटाइज किए जाने से इसे एक्सेस करना और प्राप्त करना बहुत आसान हो जाएगा।
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