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अगले एक-दो महीने में कोविड-19 की रोजाना 10 लाख जांच करने की योजना, बोले हर्षवर्धन

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में हर दिन कोविड-19 (COVID 19) की करीब पांच लाख जांच की जा रही है और अगले एक-दो महीने में यह दोगुनी हो जाएगी.

Updated on: 30 Jul 2020, 05:57 PM

दिल्ली:

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में हर दिन कोविड-19 (COVID 19) की करीब पांच लाख जांच की जा रही है और अगले एक-दो महीने में यह दोगुनी हो जाएगी. कोविड-19 से मुकाबले के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की प्रौद्योगिकी पर एक संग्रह को जारी करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि देश में ठीक होने की दर 64 प्रतिशत से अधिक है और मृत्यु दर 2.2 प्रतिशत है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वायरस से निपटने में चिकित्सा बिरादरी के साथ योगदान दे रहे वैज्ञानिक समुदाय की भी सराहना की. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में कोविड-19 का पहला मामला 30 जनवरी को आया था और छह महीने हो चुके हैं लेकिन लड़ाई अब भी जारी है. विशाल देश और बड़ी आबादी होने के बावजूद हर मोर्चे पर वायरस के खिलाफ कामयाबी से निपटा गया है.

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देश में स्वास्थ्य ढांचे को चुस्त-दुरूस्त किए जाने पर मंत्री ने कहा कि छह महीने पहले देश में वेंटिलेटर का आयात होता था लेकिन अब तीन लाख वेंटिलेटर निर्माण की क्षमता तैयार हो गयी है. उन्होंने कहा, ‘अब अधिकतर वेंटिलेटर देश के भीतर ही बनाए जा रहे हैं. भारत करीब 150 देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति कर रहा है.’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘अप्रैल में हम रोजाना 6000 जांच कर पा रहे थे . आज हर दिन पांच लाख से ज्यादा जांच हो रही है . अगले एक-दो महीने में रोजाना 10 लाख जांच करने की हमारी योजना है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं.’

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उन्होंने कहा कि एक समय था जब देश के भीतर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोविड-19 से संबंधित निर्यात रोक दिया गया. हालांकि, शुक्रवार को मंत्री समूह की बैठक में इस पर प्रस्तुति दी जाएगी कि निर्यात को फिर से खोलने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘महत्वपूर्ण उपकरणों के उत्पादन को तेज करने के लिए देश में उठाए गए कदमों की बदौलत ऐसा हुआ.’ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस का टीका तैयार करने के लिए दुनिया भर में प्रयास हो रहा है और भारत भी इस कवायद में पीछे नहीं है .