'पंज प्यारे' टिप्पणी पर हरीश रावत ने मांगी माफी, कहा-प्रायश्चित के लिए गुरुद्वारे में झाड़ू लगाउंगा
रावत ने कहा, 'मैंने पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल सम्मानित व्यक्ति के लिए संदर्भ के तौर पर किया, लेकिन इसके बावजूद यदि मेरे शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुईं हो तो मैं इसके लिए निश्चित रूप से माफी मांगता हूं और शब्दों को वापस लेता हूं.
highlights
- कहा-मैंने पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल सम्मानित व्यक्ति के लिए संदर्भ के तौर पर किया
- यदि मेरे शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुईं हो तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं
- टिप्पणी को लेकर अकाली दल की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई थी
चंडीगढ़:
पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच पार्टी प्रभारी हरीश रावत ने 'पंज प्यारे' पर की गई अपनी टिप्पणी पर माफी मांगी है. रावत ने कहा, मैंने पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल सम्मानित व्यक्ति के लिए संदर्भ के तौर पर किया, लेकिन इसके बावजूद यदि मेरे शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुईं हो तो मैं इसके लिए निश्चित रूप से माफी मांगता हूं और शब्दों को वापस लेता हूं. इस प्रायश्चित के लिए मैं अपने उत्तराखंड में जाकर गुरुद्वारे में झाड़ू लगाऊंगा।' रावत मंगलवार को पंजाब में पार्टी की घमासान को शांत कराने के इरादे से पहुंचे थे. रावत ने प्रदेश कांग्रेस कमिटी के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्षों को 'पंज प्यारे' कहकर संबोधित किया था, जिस पर शिरोमणि अकाली दल की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई थी. उन्होंने मंगलवार को चंडीगढ़ में पार्टी नेताओं से मुलाकात करने और उनकी समस्याएं सुनने के बाद पत्रकारों से कहा था कि पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और उनके अधीन चार कार्यकारी अध्यक्ष 'पंज प्यारे' की तरह हैं. इस टिप्पणी से रावत विवादों में आ गए थे. विवाद होने के बाद माफी मांगते हुए हरीश रावत ने लिखा, 'कभी आप आदर व्यक्त करते हुए कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं. मुझसे भी कल अपने माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है. मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है. मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं. मैं प्रायश्चित स्वरूप सबसे क्षमा चाहता हूं.
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रावत ने कहा कि पीसीसी प्रमुख, उनकी टीम और हमारे 'पंज प्यारे नवजोत सिंह सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्षों के साथ चर्चा करना मेरी जिम्मेदारी थी. सिद्धू ने मुझसे कहा है कि चुनाव, संगठनात्मक ढांचे पर चर्चा जल्द की जाएगी. इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है. पीसीसी अपना काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे पता है, नवजोत सिंह सिद्धू पहले पीसीसी प्रमुख हैं जिन्होंने सभी प्रमुख संगठनों और अन्य लोगों के साथ बैठक कर यह पता लगाया कि उन्हें अपने कार्यों में कहां समस्याएं आ रही हैं और इसे कैसे हल किया जा सकता है.
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