हार्दिक पटेल ने कांग्रेस छोड़ी, पार्टी ने अवसरवादी बताया (लीड-1)
हार्दिक पटेल ने कांग्रेस छोड़ी, पार्टी ने अवसरवादी बताया (लीड-1)
अहमदाबाद:
कांग्रेस पार्टी और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेताओं ने हार्दिक पटेल पर निशाना साधा है, जिन्होंने बुधवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। हार्दिक के समर्थन में एक-दो पास और भाजपा नेताओं को छोड़कर कोई सामने नहीं आया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल काफी सतर्क रहे हैं तो कुछ नेताओं ने हार्दिक को अवसरवादी बताया। हार्दिक पटेल ने कहा कि वह गुरुवार को मीडिया को संबोधित करेंगे।कांग्रेस प्रवक्ता मनहर पटेल ने पार्टी और नेताओं पर लगाए आरोपों को लेकर हार्दिक पर पलटवार किया। उन्होंेने कहा, हार्दिक को आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि पार्टी ने बहुत कम उम्र में उन्हें यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में स्टार प्रचारक और पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया। कोई दूसरी पार्टी उन्हें कभी इतना महत्व नहीं देगी।
गुजरात कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा ने आरोप लगाया है कि हार्दिक को नरेश पटेल के कांग्रेस में प्रवेश का डर है, क्योंकि उन्हें लगा कि एक बार नरेश पटेल के पार्टी में आने के बाद उनका महत्व कम हो जाएगा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने हार्दिक के इस्तीफे को महत्व न देते हुए कहा, कांग्रेस में शामिल होना उनका निजी फैसला था, अब इस्तीफा भी उनका निजी फैसला है। भाजपा के मीडिया कोऑर्डिनेटर याग्नेश दवे हालांकि कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए हार्दिक पटेल को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं।
2015 में पास आंदोलन के आठ बड़े चेहरे थे, जिनमें से छह - चिराग पटेल, वरुण पटेल, लालजी देसाई, ललित वसोया, गीता पटेल और मनोज पनारा कांग्रेस छोड़ने के उनके फैसले के खिलाफ हैं, जबकि अल्पेश कथिरिया और दिलीप सबवा ने इसका स्वागत किया।
पास की संयोजक गीता पटेल ने हार्दिक को आड़े हाथ लेते हुए कहा, वह निरंकुश हैं, कभी भी सहयोगियों की मदद नहीं लेते, वे आत्मकेंद्रित कार्यकर्ता से राजनेता बने हैं।
वहीं, लालजी देसाई ने कहा, हमने पास सदस्य के रूप में समुदाय से वादा किया था कि हम राजनीति में शामिल नहीं होंगे, फिर भी वह राजनीति में शामिल हो गए। समुदाय के सदस्य हमसे नाराज हैं और हमें गालियां दे रहे हैं, अब हमें और अधिक आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।
वरुण और चिराग बहुत पहले भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन दोनों हार्दिक के भाजपा में आने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, पार्टी में पाटीदार कार्यकर्ता कभी उनका स्वागत नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी है।
वरुण ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा, पाटीदार कार्यकर्ता खामोश हैं, लेकिन रीढ़विहीन नहीं। इतना कहने के बाद दोनों इस बात पर सहमत हुए कि अगर पार्टी आलाकमान उन्हें पार्टी में लेने का फैसला करता है तो वे फैसले का सम्मान करेंगे।
हार्दिक पटेल ने अपने त्यागपत्र में आरोप लगाया कि कांग्रेस को गुजरात में कोई दिलचस्पी नहीं है, वह सिर्फ सत्ताधारी पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों का विरोध कर रही है, लेकिन विकल्प के रूप में सामने नहीं आ रही है, जिसका लोग इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि कई प्रयासों के बाद भी पार्टी राष्ट्रहित में और समाज के लिए कार्य करने में विफल रही। अनुच्छेद 370, सीएए-एनआरसी और जीएसटी लागू करने जैसे मुद्दों पर कांग्रेस अड़ गई थी। पटेल ने कहा कि ये लोगों की आकांक्षाएं और समय की मांग थीं, जिसके लिए कांग्रेस को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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