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अब हरदीप पुरी और शशि थरूर में वैक्सीन नीति पर चले शाब्दिक बाण

मोदी सरकार की वैक्सीन नीति पर कांग्रेसी नेता शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी (Hardeep Singh Puri) के बीच जमकर शब्दों के तीर चले.

Updated on: 14 May 2021, 09:10 AM

highlights

  • केंद्रीय मंत्री हरजीप पुरी ने कांग्रेस पर लगाया लोगों को गुमराह करने का आरोप
  • कांग्रेस नेात शशि थरूर ने कहा विपक्ष पर अंगुली उठाना बंद कर गलती माने केंद्र
  • इसके पहले सोनिया गांधी के कोरोना कहर से जुड़े पत्र पर भिड़ थे डॉ हर्षवर्धन 

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Vaccine) वैक्सीन को लेकर सत्ता औऱ विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज ही होता जा रहा है. अभी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के सोनिया गांधी पर हमले की तपिश कम भी नहीं हुई थी कि मोदी सरकार की वैक्सीन नीति पर कांग्रेसी नेता शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी (Hardeep Singh Puri) के बीच जमकर शब्दों के तीर चले. भाजपा नेता पुरी ने जहां आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता टीका लगवाने को लेकर लोगों के मन में संदेह पैदा कर रहे हैं, वहीं थरूर (Shashi Tharoor) ने पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष पर अंगुली उठाने के बजाए नीति की विफलता की जिम्मेदारी ले. गौरतलब है कि डॉ हर्षवर्धन ने भी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के कथित पत्र को आधार पर बनाकर कोरोना वैक्सीन पर लोगों को गुमराह करने और डराने का आरोप लगाया था

कांग्रेस ने लोगों के मन में पैदा किया संदेह
अब हरदीप पुरी और शशि थरूर ट्विटर पर आमने-सामने आ गए. पुरी ने सिलसिलेवार ट्वीट किए. उन्होंने कहा था कि शशि थरूर जैसे कांग्रेस के नेता भारत की टीकाकरण नीति के संबंध में अपनी गलती स्वीकार करने को लेकर बच्चों जैसा हठ कर रहे हैं. पुरी ने कहा कि टीके को लेकर कांग्रेस पार्टी का रुख दिनों-दिन और अजीबो-गरीब होता जा रहा है. नागर विमानन, हाउसिंग और शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने आरोप लगाया कि (कांग्रेस नेताओं के) पूरे समूह ने बयानों और ट्वीट के जरिए लोगों के बीच टीका लगवाने को लेकर संदेह पैदा किया है. उन्होंने कहा कि वे खुलकर टीके के प्रभावी होने, उत्पादकों के चयन और टीकाकरण पर संदेह जताकर लोगों के मन में शक पैदा करते हैं. पुरी ने कहा कि थरूर के 2021 में किए गए अंतर्विरोधी ट्वीट पर किताब छापी जा सकती है.

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कांग्रेस को पुरी ने किया कठघरे में खड़ा
केंद्रीय मंत्री ने कहा टीके के प्रभावी होने पर लगातार संदेह जताने के बाद उन्होंने 28 अप्रैल, 2021 को अपना रुख बदला, लेकिन उन्होंने यह नहीं माना कि वे गलत थे. उन्होंने सवाल किया कि उस स्थिति की कल्पना करे, अगर भारत सरकार ने उनकी सलाह सुनी होती और टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए और दो सप्ताह का इंतजार किया होता. पुरी ने कहा कि अब जबकि देश कोविड संकट से जूझ रहा है, ये नेता अगर कोरोना से जंग में हाथ नहीं बटा सकते तो अवसरवाद की राजनीति छोड़कर कम से कम अपने ही अंतर्विवरोधी बयानों और ट्वीट का अध्ययन कर लें.

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थरूर ने केंद्र को बताया असफलता का जिम्मेदार
पुरी के एक ट्वीट को टैग करते हुए थरूर ने कहा कि सरल तरीके से बताता हूं, क्या कांग्रेस के ट्वीट के कारण टीके की कमी हुई है, क्या भारत सरकार मेरे ट्वीट के कारण पर्याप्त मात्रा में टीके का ऑर्डर देने में असफल रही, क्या मई में कीमतों में असमानता तीन जनवरी को मेरे बयान से जुड़ी है कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण पूरा नहीं हुआ है. कांग्रेस नेता ने लिखा है, संक्षेप में कहूं तो भारत सरकार अपने खराब प्रदर्शन से ध्यान भटकाने के लिए विपक्ष पर अंगुली उठा रही है. आखिर अपनी नीति और प्रबंधन की असफलता की जिम्मेदारी वह कब लेगी.