Advertisment

सिर्फ 25 फीसदी दिव्यांग लोग ही कार्यरत हैं : रिपोर्ट

सिर्फ 25 फीसदी दिव्यांग लोग ही कार्यरत हैं : रिपोर्ट

author-image
IANS
New Update
Hapur Women

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म अनअर्थइनसाइट की एक रिपोर्ट में भारत में पीडब्ल्यूडी कार्यबल की अप्रयुक्त क्षमता को उजागर करते हुए बताया गया है कि केवल 25 प्रतिशत विकलांग लोगों (पीडब्ल्यूडी) को विभिन्न क्षेत्रों में नियोजित किया गया है।

रिपोर्ट अनयूज्ड पोटेंशियल ऑफ इंडियाज पीपल विद डिसएबिलिटी (पीडब्ल्यूडी) वर्कफोर्स ने दिखाया कि भारत में लगभग 3 करोड़ पीडब्ल्यूडी आबादी है, जिसमें से लगभग 1.3 करोड़ रोजगार योग्य पीडब्ल्यूडी प्रतिभा (21 से ऊपर और 60 साल से कम) हैं। लेकिन वर्तमान में केवल 34 लाख पीडब्ल्यूडी प्रतिभाएं ही संगठित, असंगठित क्षेत्र, सरकार के नेतृत्व वाली योजनाओं और स्वरोजगार क्षेत्रों में कार्यरत हैं।

प्रौद्योगिकी और खुदरा पीडब्ल्यूडी प्रतिभा पूल के लिए कौशल और रोजगार के अवसर पैदा करने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। संगठित खुदरा क्षेत्र में 13,000 से अधिक पीडब्ल्यूडी पेशेवर कार्यरत हैं जबकि 8,000 से अधिक पीडब्ल्यूडी पेशेवर प्रौद्योगिकी क्षेत्र (आईटी सेवाओं, उत्पाद/जीसीसी) द्वारा नियोजित हैं। बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र पीडब्ल्यूडी प्रतिभाओं के लिए एक उभरता हुआ नियोक्ता है।

जबकि एसबीआई बैक-ऑफिस और फ्रंट-ऑफिस नौकरियों में पीडब्ल्यूडी का सबसे बड़ा नियोक्ता है, टीसीएस और एक्सेंचर आईटी सेवा क्षेत्र में बड़े नियोक्ता हैं, और एसएपी व माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योगों में उच्च कुशल तकनीकी पीडब्ल्यूडी प्रतिभा का नेतृत्व करते हैं।

देश में बीए/बीकॉम, पॉलिटेक्निक और डिप्लोमा जैसे 3,40,000 गैर-तकनीकी स्नातकों की संभावित कार्यकर्ता बैंडविड्थ है जो प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए कुशल और मुख्यधारा के सेवा क्षेत्र और ज्ञान उद्योग में लाए जा सकते हैं।

अन्य 17,000 पीडब्ल्यूडी छात्र इंजीनियरिंग/ कंप्यूटर विज्ञान और संरेखित धाराओं में स्नातक हैं, जिनमें से कÝ सेवा क्षेत्र में लगभग 8,000 पीडब्ल्यूडी कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि सॉ़फ्टवेयर उत्पाद में लगभग 5,500 और वैकल्पिक तकनीक में लगभग 3,500 पीडब्ल्यूडी प्रतिभाएं हैं।

अनअर्थइनसाइट के संस्थापक और सीईओ गौरव वासु ने एक बयान में कहा, प्रतिभा पूल के विस्तार के लिए समकालीन व्यापार रणनीति कार्यस्थलों पर विविधता और समावेश के आदशरें को साकार करने पर केंद्रित है। यह एक अच्छी तरह से स्थापित तथ्य है कि पीडब्ल्यूडी कार्यबल अधिक लचीला और प्रतिबद्ध है, आज कंपनियां निवेश में अधिक रुचि रखती हैं और एक कुशल श्रम बल बनाने में संलग्न है जो विविध पृष्ठभूमि से आता है और टीयर-1 शहरों तक ही सीमित नहीं है।

उन्होंने कहा, हालांकि, एक लंबा रास्ता तय करना है, क्योंकि भारत एक विशाल पीडब्ल्यूडी प्रतिभा पूल पर बैठा है जो एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सही नीति और रणनीति बदलाव के साथ, एक वास्तविक मौका है कि हम पीडब्ल्यूडी आबादी के बीच रोजगार की दरों को बढ़ाने की दिशा में काम करते हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment