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आज़ाद होकर ख़ुश हूं, इस्लाम कबूलने की वजह से हुई परेशानी: हदिया

सुप्रीम कोर्ट ने आठ मार्च को केरल हाई कोर्ट के उस को पलट दिया, जिसमें दोनों की शादी को रद्द कर दिया गया था।

Updated on: 11 Mar 2018, 07:13 AM

नई दिल्ली:

‘लव जेहाद’ की कथित पीड़िता हादिया के एक मुस्लिम युवक के साथ विवाह को निरस्त करने के केरल हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने पर हादिया ने शनिवार को 'आजाद' होने पर खुशी जताई।

उन्होंने अपने पति शफीन जहां के साथ पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के प्रमुख ई अबूबकर से मिलने के बाद कहा, 'मैं अब आजाद होकर खुश हूं।'

उन्होंने सवाल किया कि कोई अन्य धर्म अपनाने में क्या ग़लत है।

हादिया ने मीडिया के साथ बातचीत के दौरान कहा, 'संविधान अपना धर्म चुनने की पूरी अजादी देता है, जो हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और यह सब मेरे इस्लाम कबूलने की वजह से हुआ।'

हादिया और उनके पति शनिवार को गृहराज्य केरल पहुंचे और फिर 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) के कार्यालय गए, जहां दोनों ने मीडिया से बात की।

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सुप्रीम कोर्ट ने आठ मार्च को केरल हाई कोर्ट के उस को पलट दिया, जिसमें दोनों की शादी को रद्द कर दिया गया था।

हादिया ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा हमारी शादी बरकरार रखे जाने से हमें ऐसा लग रहा है कि हमें आजादी मिल गई है।'

हादिया (24) जो पहले अखिला अशोकन थी, उसने इस्लाम कबूल कर शफीन जहां से शादी कर ली थी।

हादिया के पिता ने आरोप लगाया था कि आतंकवादी संगठनों से संबंधित समूहों ने जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराया।

तमिलनाडु के सेलम लौटने से पहले हादिया तीन दिन और केरल में रहेंगी। वह वहां (सेलम) पढ़ाई कर रही हैं।

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हादिया ने कहा, 'मुश्किल की घड़ी में सिर्फ पीएफआई ने उनका साथ दिया और सबसे हैरानी की बात यह रही कि जिन दो मुस्लिम संगठनों से हमने मदद मांगी, उन्होंने हमारी सहायता करने से इनकार कर दिया।'

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा, 'हादिया उर्फ अखिला अशोकन को कानून के मुताबिक अपना जीवन जीने की आजादी है।'

हादिया के पति जहां ने कहा कि वे जल्द ही अपने रिश्तेदारों से मिलने जाने वाले हैं। शीर्ष अदालत ने आठ मार्च को केरल हाई कोर्ट के जहां से हादिया की शादी निरस्त करने के आदेश को खारिज कर दिया था।

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