B’DAY SPECIAL : जब टूट गई थी सानिया मिर्जा और सोहराब मिर्जा की सगाई

सानिया मिर्जा की शादी भले ही पाकिस्‍तान के क्रिकेटर शोएब मलिक से हुई है पर उनकी सगाई 2009 में सोहराब मिर्जा से हुई थी. सगाई के बाद दोनों के बीच संबंध सामान्‍य नहीं रहे और सानिया मिर्जा शोएब मलिक के साथ दिखने लगीं.

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Sunil Mishra
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B’DAY SPECIAL : जब टूट गई थी सानिया मिर्जा और सोहराब मिर्जा की सगाई

सानिया मिर्जा को जन्‍मदिन की बधाई

सानिया मिर्जा की शादी भले ही पाकिस्‍तान के क्रिकेटर शोएब मलिक से हुई है पर उनकी सगाई 2009 में सोहराब मिर्जा से हुई थी. सगाई के बाद दोनों के बीच संबंध सामान्‍य नहीं रहे और सानिया मिर्जा शोएब मलिक के साथ दिखने लगीं. सोहराब के बारे में सानिया ने कहा था, 'हम कई सालों से दोस्त हैं लेकिन मंगेतर की हैसियत से हम दोनों के बीच बात नहीं बनी. मैं सोहराब को उसकी ज़िंदगी के लिए शुभकामनाएं देती हूं।' एक साल बाद 12 अप्रैल 2010 को उन्होने शोएब मलिक के साथ निकाह रचा लिया. इस निकाह को लेकर उन्हें कई लोगों से कड़ी प्रतिक्रियाएं भी मिली लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और हर मोर्चे पर अपने पति का साथ दिया. आज सानिया मिर्जा और उनके फैंस उनका जन्‍मदिन मना रहे हैं. सोशल मीडिया पर उन्‍हें ढेरों शुभकामनाएं मिल रही हैं. पश्‍चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उन्‍हें विश किया है. 

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सानिया मिर्ज़ा 2003 से 2013 के बीच लगातार एक दशक तक उन्होने महिला टेनिस संघ (WTA) के एकल और डबल में शीर्ष भारतीय टेनिस खिलाड़ी के रूप में अपना स्थान बनाए रखने में सफल रहीं. मात्र 18 वर्ष की आयु में वैश्विक स्तर पर चर्चित होने वाली इस खिलाड़ी को 2006 में 'पद्मश्री' सम्मान प्रदान किया गया. वे यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं. उन्हें 2006 में अमेरिका में विश्व की टेनिस की दिग्गज हस्तियों के बीच डब्लूटीए का 'मोस्ट इम्प्रेसिव न्यू कमर एवार्ड' प्रदान किया गया था.

अपने कॅरियर की शुरुआत उन्होंने 1999 में विश्व जूनियर टेनिस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर किया. इसके बाद उन्होंने कई मैचों में हिस्सा लिया और सफलता भी पाई. 2003 उनके जीवन का सबसे रोचक मोड़ बना जब भारत की तरफ से वाइल्ड कार्ड एंट्री करने के बाद सानिया मिर्ज़ा ने विम्बलडन में डबल्स के दौरान जीत हासिल की. वर्ष 2004 में बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें 2005 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2005 के अंत में उनकी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग 42 हो चुकी थी जो किसी भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा थी. 2009 में वह भारत की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं.

सानिया के पिता इमरान मिर्ज़ा एक खेल संवाददाता थे. कुछ समय के बाद उन्हें हैदराबाद जाना पड़ा जहां एक पारंपरिक शिया खानदान के रूप में सानिया का बचपन गुजरा. निज़ाम क्लब हैदराबाद में सानिया ने छ्ह साल की उम्र से टेनिस खेलना शुरु किया था. महेश भूपति के पिता और भारत के सफल टेनिस प्लेयर सीके भूपति से सानिया ने अपनी शुरुआती कोचिंग ली. उनके पिता के पास इतने पैसे नहीं थे जो वह सानिया को प्रोफेशनल ट्रेनिंग करवा सकें. इसके लिए उन्होंने कुछ बड़े व्यापारिक समुदायों से स्पांशरशिप ली. अक्टूबर 2005 में टाइम पत्रिका के द्वारा सानिया को एशिया के 50 नायकों में नामित किया गया था.

सानिया का जन्म 15 नवम्बर 1986 को मुंबई में हुआ. उनकी प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद के एनएएसआर स्कूल में हुई, तत्पश्चात उन्होंने हैदराबाद के ही सेंट मैरी कॉलेज से स्नातक किया. उन्हें 11 दिसम्बर 2008 को चेन्नई में एम जी आर शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हुई.

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