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Birthday Special: रिक्‍शावाला बनकर खालिस्‍तानियों की पूरी जानकारी ले आए थे अजीत डोवाल

ऑपरेशन ब्लैक थंडर (Operation Black Thunder) से दो दिन पहले वो रिक्शावाला स्वर्ण मंदिर के अहाते में घुसा और अलगाववादियों के बारे में पूरी जानकारी लेकर बाहर आया. वो रिक्शावाला और कोई नहीं, बल्‍कि भारत सरकार के वर्तमान सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल थे.

Updated on: 20 Jan 2020, 11:51 AM

नई दिल्‍ली:

स्वर्ण मंदिर (Swarn Mandir) के पास एक ज़माने में जरनैल सिंह भिंडरावाले (Gernail Singh BHinderawale) की तूती बोलती थी. वहां अमृतसर के लोगों और ख़ालिस्तानी अलगाववादियों ने एक रिक्शावाले को शक की नजरों से देखा. ऑपरेशन ब्लैक थंडर (Operation Black Thunder) से दो दिन पहले वो रिक्शावाला स्वर्ण मंदिर के अहाते में घुसा और अलगाववादियों के बारे में पूरी जानकारी लेकर बाहर आया. वो रिक्शावाला और कोई नहीं, बल्‍कि भारत सरकार के वर्तमान सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल थे. एक अधिकारी के अनुसार, Operation Black Thunder में ख़ालिस्तानियों की योजना का पूरा ख़ाका अजित डोभाल ने ही सुरक्षाबलों को उपलब्ध कराया था. डोभाल ही नक्शे, हथियारों और लड़ाकों की सटीक जानकारी बाहर लेकर आए थे." इसी तरह 80 के दशक में डोभाल के चलते ही भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी मिज़ोरम में अलगाववादियों के शीर्ष नेतृत्व को भेदने में कामयाब रहे थे.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, विदर्भ मैनेजमेंट एसोसिएशन के समारोह में भाषण देते हुए अजीत डोभाल ने एक वाकया सुनाया था, "लाहौर में औलिया की एक मज़ार है, जहां बहुत से लोग आते हैं. मैं एक मुस्लिम शख़्स के साथ रहता था. एक बार मैं उस मज़ार में चला गया. वहां कोने में एक शख़्स बैठा था जिसकी लंबी सफ़ेद दाढ़ी थी. उसने मुझसे छूटते ही सवाल किया कि क्या तुम हिंदू हो?" डोभाल ने कहा- नहीं.

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डोभाल के मुताबिक़, "वह आदमी मुझे एक छोटे से कमरे में ले गया और दरवाजा बंद करके कहा- देखो तुम हिंदू हो. मैंने कहा आप ऐसा क्यों कह रहे हैं? तो उसने कहा आपके कान छिदे हुए हैं. मैंने कहां- हां, बचपन में मेरे कान छेदे गए थे लेकिन मैं बाद में कनवर्ट हो गया था. उसने कहा तुम बाद में भी कनवर्ट नहीं हुए थे. ख़ैर तुम इसकी प्लास्टिक सर्जरी करवा लो नहीं तो यहां लोगों को शक हो जाएगा."

डोभाल आगे बताया, "उसने एक अलमारी खोली जिसमें शिव और दुर्गा की एक प्रतिमा रखी थी. उसने कहा, मैं इनकी पूजा करता हूं लेकिन बाहर लोग मुझे एक मुस्लिम धार्मिक शख़्स के रूप में जानते हैं." डोभाल के बारे में यह भी कहा जाता है कि 90 के दशक में उन्होंने कश्मीर के ख़तरनाक अलगाववादी कूका पारे का ब्रेनवाश कर उसे काउंटर इंसर्जेंट बनने के लिए मनाया था.

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1999 के कंधार विमान अपहरण के दौरान तालिबान से बातचीत करने वाले भारतीय दल में अजीत डोभाल भी शामिल थे. रॉ के पूर्व चीफ़ दुलत कहते हैं, "यह डोवाल का ही बूता था कि उन्होंने हाइजैकर्स को यात्रियों को छोड़ने के लिए राज़ी किया. शुरू में आतंकियों की मांग 100 चरमपंथियों को छोड़ने की थी, लेकिन अंतत: सिर्फ़ तीन चरमपंथी ही छोड़े गए."

डोभाल के साथी CISF के पूर्व महानिदेशक केएम सिंह कहते हैं, "IB में मेरे ख़याल से ऑपरेशन के मामले में अजित डोभाल से अच्छा अफ़सर कोई नहीं हुआ है. 1972 में वो आईबी में काम करने दिल्ली आए थे. दो साल बाद ही वो मिज़ोरम चले गए, जहां वो पांच साल रहे और इन पांच सालों में मिज़ोरम में जो भी राजनीतिक परिवर्तन हुए, उसका श्रेय अजित डोभाल को दिया जा सकता है."

अजीत डोभाल के बारे में

  • उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 20 जनवरी, 1945 को अजीत डोभाल का जन्म हुआ था. इनके पिता इंडियन आर्मी में थे. अभी वे IPS और भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं.
  • अजमेर मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया.
  • 1968 में केरल बैच के IPS अफसर अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद साल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे. कहा जाता है कि वह सात साल तक पाकिस्तान में खुफिया जासूस रहे.
  • 2005 में एक तेजतर्रार खुफिया अफसर के रूप में स्थापित अजीत डोभाल इंटेलीजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर पद से रिटायर हुए.
  • साल 2009 में अजीत डोभाल विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के फाउंडर प्रेसिडेंट बने.

उपलब्‍धियां

  • साल 1989 में अजीत डोभाल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन ब्लैक थंडर' का नेतृत्व किया था.
  • उन्होंने पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के साथ मिलकर खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों के दल के साथ मुख्य भूमिका निभाई थी.
  • जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों और शांति के पक्षधर लोगों के बीच काम करते हुए डोभाल ने कई आतंकियों को सरेंडर कराया था.
  • अजीत डोभाल 33 साल तक नार्थ-ईस्ट, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में खुफिया जासूस रहे हैं, जहां उन्होंने कई अहम ऑपरेशन किए हैं.
  • 30 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया.
  • ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान उन्होंने एक जासूस की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई, जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका.
  • पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान वह सबसे ज्यादा चर्चा में आए.