हनुमान बेनीवाल (Photo Credit: फाइल )
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए के एक और सहयोगी दल ने बागी तेवर अपना लिए हैं. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता हनुमान बेनीवाल ने किसान आंदोलन के बीच में कहा कि शिवसेना और अकालीदल पहले ही एनडीए छोड़ चुके हैं और अब आरएलपी ने भी एनडीए छोड़ने का ऐलान कर दिया है. आपको बता दें कि इसके पहले एनडीए की मजबूत सहयोगी रही पंजाब के अकाली दल ने नये कृषि कानूनों का बिल लागू होते ही एनडीए से रिश्ता खत्म कर लिया था. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंत्रिपद से इस्तीफा देते हुए एनडीए से नाता खत्म कर लिया था.
भारत सरकार द्वारा लाये गए कृषि विरोधी बिलों के कारण आज @RLPINDIAorg पार्टी एनडीए के गठबंधन से अलग होने की घोषणा करती है !
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) December 26, 2020
कृषि कानून बिलों का विरोध करते हुए एनडीए (NDA) के सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को NDA छोड़ने का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं एनडीए छोड़ने का ऐलान करता हूं.' आपको बता दें कि आरएलपी से पहले कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल ने भी एनडीए का साथ छोड़ दिया है. इससे पहले बेनीवाल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के पास 303 सांसदों का बहुमत है जिसकी वजह से वो सत्ता में मजबूती से डटे हुए हैं और नये कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रहे है.
बेनीवाल ने कहा कि 1,200 किलोमीटर दूर राजस्थान के किसान कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं. जब उनसे ये पूछा गया कि क्या वो एनडीए में बने रहेंगे तो उन्होंने बताया कि हरियाणा बॉर्डर के शाहजहांपुर में बैठक के बाद उनकी पार्टी के एनडीए में रहने या एनडीए को छोड़ने पर फैसला लिया जाएगा. एक ओर केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर देश के किसानों को समझाने में लगी है तो वहीं दूसरी ओर उसके ही सहयोगी दलों ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.