BJP सांसद हंसराज हंस की मांग- JNU का नाम बदलकर कर देना चाहिए MNU
शनिवार को हंस राज हंस जेएनयू में कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के मुद्दे पर बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, दुआ करो सब अमन में रहें, बम न चले. हमारे बुजुर्गों ने जो गलतियां की, हम भुगत रहे हैं.
नई दिल्ली:
दक्षिण पश्चिम दिल्ला से बीजेपी सांसद हंसराज हंस का मानना है कि जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (jnu) का नाम बदलकर MNU कर देना चाहिए. दरअसल शनिवार को हंस राज हंस जेएनयू में कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के मुद्दे पर बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, दुआ करो सब अमन में रहें, बम न चले. हमारे बुजुर्गों ने जो गलतियां की, हम भुगत रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, मैं कहता हूं कि जेएनयू का नाम बदलकर एमएनयू कर देना चाहिए. मोदी जी के नाम पर भी तो कुछ होना चाहिए.
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#WATCH Delhi: BJP's Hans Raj Hans speaks in JNU on Article 370 abrogation. Says "Dua karo sab aman se rahein, bomb na chale...Hamare buzurgon ne galatiyan ki hain hum bhugat rahe hain...Main kehta hoon iska naam MNU kar do, Modi ji ke naam pe bhi to kuch hona chahiye..." (17.08) pic.twitter.com/gejRVIXhZa
— ANI (@ANI) August 18, 2019
इससे पहले अनुच्छेद 370 पर अभिनेता से नेता बने रजनीकांत का बयान भी सामने आया था. उन्होंने कहा था कि सरकार ने इस पूरे मुद्दे को लेकर जो योजना बनाई वो मास्टर स्ट्रैटजी था. सबसे पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 144 लगा दिया. यह सुनिश्चित करने के लिए ताकि कोई भी वहां कोई गतिविधि नहीं कर सके. न ही कोई परेशानी खड़ी कर सके. इसके बाद बिल को सदन में ले आया.
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रजनीकांत ने कहा कि सरकार ने इस बिल को पहले लोकसभा में नहीं लाई. उन्होंने पहले बिल को राज्यसभा में लेकर आई. क्योंकि सरकार को पता था कि उच्च सदन में वे अल्पमत में हैं. इसलिए वो सबसे पहले राज्य सभा में लेकर आई, इसके बाद लोकसभा में लेकर आई. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसकी पूरी योजना बनाई और उसे अंजाम दिया. राजनेताओं को पता होना चाहिए कि क्या राजनीतिकरण करना है और क्या नहीं? मैं सरकार के इस कदम की सराहना करता हूं क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है.
गौरतलब है कि 5 अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. इसके साथ ही इसे दो राज्यों में बांट दिया था.लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बना दिया था. जम्मू-कश्मीर में शांति व्यवस्था कामय रखने के लिए वहां धारा 144 लगाया गई थी. कई पार्टियों ने मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया था जबकि पार्टियां इसके विरोध में थी.
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