भारतीय सीमा शुल्क अपराधियों के लिए अब स्पेन में शरण लेना मुश्किल होगा, क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक सहायता पर भारत और स्पेन के बीच समझौते को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक सहायता से संबंधित भारत और स्पेन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है।
यह समझौता सीमा शुल्क संबंधी अपराधों की रोकथाम एवं जांच और सीमा शुल्क अपराधियों को पकड़ने के लिए उपलब्ध विश्वसनीय, त्वरित और लागत प्रभावी जानकारी एवं खुफिया जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
यह समझौता दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच सूचना साझा करने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा और सीमा शुल्क कानूनों के उचित प्रशासन एवं सीमा शुल्क अपराधों की पहचान और जांच एवं वैध व्यापार की सुविधा प्रदान करने में सहायता करेगा।
समझौते में कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान हैं, जिनमें सीमा शुल्क का सही मूल्यांकन, विशेष रूप से सीमा शुल्क मूल्य, टैरिफ वर्गीकरण और दोनों देशों के बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं के मूल देश के बारे में जानकारी जैसी चीजें शामिल है।
इसके अलावा इसके प्रावधानों में अनुरोधकर्ता प्राधिकारी को की गई घोषणा (जैसे मूल प्रमाण पत्र, चालान आदि) के समर्थन में प्रस्तुत किए गए किसी भी दस्तावेज की प्रामाणिकता भी शामिल है।
अवैध आवागमन से संबंधित सीमा शुल्क अपराध के बारे में बात करें तो हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और विस्फोटक उपकरण; कला और प्राचीन वस्तुएं, जो महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, पुरातात्विक सांस्कृतिक महत्व की हैं, पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक विषाक्त पदार्थ और अन्य पदार्थ, पर्याप्त सीमा शुल्क या करों के अधीन माल, सीमा शुल्क कानून के खिलाफ सीमा शुल्क अपराध करने के लिए नियोजित नए साधन और तरीके आदि शामिल हैं।
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Source : IANS