पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) ने वायुमंडलीय मॉडलिंग और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए अदाणी समूह के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
आईआईटीएम पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के तहत एक महत्वपूर्ण शोध एजेंसी है।
आईआईटीएम के एक वैज्ञानिक ने कहा, वायुमंडलीय मॉडलिंग और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए आईआईटीएम और अदाणी समूह के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जो मौसम अनुसंधान की स्थापना और मेसोस्केल मॉडल की भविष्यवाणी करने और हवा, सौर और वर्षा पूवार्नुमान मॉडल की सटीकता में सुधार करने के लिए काम करेंगे।
इसकी वेबसाइट के अनुसार, अदाणी पावर लिमिटेड (एपीएल), विविध अदानी समूह का एक हिस्सा, भारत में सबसे बड़ा निजी ताप विद्युत उत्पादक है। इसकी 12,450 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता है, जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में थर्मल पावर प्लांट और गुजरात में 40 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल है।
एमओयू पर शुक्रवार को आईआईटीएम के निदेशक आर. कृष्णन और अदाणी ग्रीन के प्रमुख (प्रौद्योगिकी) किरण कुमार के बीच हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन अगले तीन वर्षो के लिए प्रभावी होगा।
यह पूछे जाने पर कि एमओयू किस तरह के मौसम अनुसंधान की परिकल्पना करता है, एमओईएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह आवश्यक आर एंड डी करके उनके (अदाणी समूह) के लिए अनुकूल पूवार्नुमान प्रदान करने के बारे में है।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब आईआईटीएम ने किसी निजी संस्था के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने आईएएनएस को बताया, इससे पहले, जब मैं संस्थान में निदेशक था तब आईआईटीएम का टाटा पावर के साथ एक समझौता ज्ञापन था। नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) के पास भी निजी एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन हैं। हम निजी उद्योगों का समर्थन करते रहे हैं, लेकिन बहुत चुपचाप।
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Source : IANS