Hamari Sansad Sammelan पहली बार चुनकर आए सांसद का एजेंडा क्या है
इस बार यह संख्या घटकर 300 पहुंच गई है. पहली बार संसद पहुंचे सांसदों का एजेंडा क्या होगा.
highlights
- देश की संसद में इस बार 300 सांसद पहली बार पहुंचे हैं
- इनका सबसे बड़ा एजेंडा कि ये अपने आपको यहां बनाए रखे
- विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए संसद में जमना होगा
नई दिल्ली:
17वीं लोकसभा के लिए देश में 542 सीटों पर चुनाव हुए जिनमें से तमिलनाडु की वेल्लोर संसदीय सीट पर चुनाव आयोग ने चुनाव रद्द कर दिया. इस चुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी को 303 और कांग्रेस को 52 सीटें मिली हैं. डीएमके 23 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है जबकि वाईएसआरएसपी और टीएमसी 22-22 सीटों के साथ चौथे स्थान पर हैं. साल 2014 में जहां 314 सांसद पहली बार संसद पहुंचे थे तो वहीं इस बार यह संख्या घटकर 300 पहुंच गई है. पहली बार संसद पहुंचे सांसदों का एजेंडा क्या होगा.
पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे सांसदों का सबसे बड़ा एजेंडा होगा कि वो किसी भी प्रकार से जनता के भरोसे पर खरा उतरने का होगा क्योंकि अगर वो जनता की नजरों उतर गए तो शायद ही कभी इस मुकाम पर पहुंचने का मौका मिले. किसी भी सांसद को अपनी जगह बनाने के लिए जमीन पर उतरकर काम करना होगा. उसे सांसद निधि और विकास के कार्यों पर पैनी नजर रखनी होगी ताकि वो अगले चुनाव में किसी भी बात पर जनता को अपने पक्ष में मोड़ने पर विवश कर दे. इसके अलावा इन सांसदों को पार्टी में अपनी बुनियाद मजबूत करने के लिए अपना जनसंपर्क बढ़ाना होगा.
यह भी पढ़ें- Hamari Sansad Sammelan सुनील दत्त से लेकर सनी देओल तक राजनीति में चमकते फिल्मी सितारे
पहली बार संसद पहुंचे सांसदों को किसी भी तरह से के वीआईपी कल्चर से बचना होगा. क्योंकि बीते चुनावों में हमने बड़े-बड़े दिग्गजों का किला ढहते हुए देखा है अगर आप जनता को तवज्जो नहीं देंगे तो जनता भी आपको वैसे ही किनारे करेगी इसका जीता-जागता उदाहरण हम अमेठी और ग्वालियर में देख चुके हैं. इन सीटों पर दो कुशल और मंझे हुए राजनीतिज्ञ थे जिनको राजनीति विरासत में मिली थी लेकिन जनता के बीच कम जाने और संसदीय क्षेत्रों में नहीं जाने की वजह से इन दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा.
यह भी पढ़ें- Hamari Sansad Sammelan: गांधी परिवार बिन गर्दिश में कांग्रेस के 'सितारे'
नवनिर्वाचित संसदीय सदस्यों को अपनी जमीन बनाने के लिए कम से कम विकास कार्यों पर तो पैनी नजर रखनी होगी जिसके लिए उन्हें अपने प्रतिनिधि को हमेशा अलर्ट पर रखे कि कोई भी फरियादी बिना अपनी समस्या का हल करवाए खाली हाथ न लौटे. कम से कम इन सांसदों अपनी सांसद निधि तो जरूर खर्च कर देनी चाहिए. लगातार अपने क्षेत्र में घूमकर विकास के कार्यों का जायजा लेना चाहिए. नव निर्वाचित सांसदों को सप्ताह में कम से कम एक दिन चौपाल जरूर लगानी चाहिए ताकि हर कोई उनसे मिलकर अपनी बात रख सके और उन्हें सुझाव भी दे सके.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह