पाकिस्तानी हैकर्स ने अफगान अधिकारियों को फंसाने के लिए फेसबुक का किया इस्तेमाल

पाकिस्तानी हैकर्स ने अफगान अधिकारियों को फंसाने के लिए फेसबुक का किया इस्तेमाल

पाकिस्तानी हैकर्स ने अफगान अधिकारियों को फंसाने के लिए फेसबुक का किया इस्तेमाल

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IANS
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Hacker File

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

पाकिस्तान के हैकर्स ने तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के दौरान अफगानिस्तान में लोगों और अधिकारियों को टारगेट करने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया।

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फेसबुक ने मंगलवार को कहा कि उसने पाकिस्तान से हैकर्स के ऐसे एक ग्रुप को हटा दिया है, जो अफगानिस्तान के लोगों को टारगेट कर रहा था। हैकर्स के समूह ने इसके लिए महिलाओं के नाम पर अकाउंट बनाए। रोमांटिक तरीके के लालच देते हुए हैकर्स ने काल्पनिक रूप से बातें की। यह समूह चैट ऐप्स डाउनलोड करने में भी शामिल रहा।

साइडकॉपी के नाम से जाना जाने वाला समूह, काबुल में पिछली अफगान सरकार, सेना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से जुड़े लोगों को लक्षित करता था।

फेसबुक (अब मेटा) ने कहा, हमने उनके अकाउंट्स को निष्क्रिय कर दिया है, उनके डोमेन को हमारे प्लेटफॉर्म पर पोस्ट होने से रोक दिया गया है। हमने हमारे उद्योग के साथियों, सुरक्षा शोधकर्ताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ जानकारी साझा की है और उन लोगों को सतर्क किया है, जिनके लिए हम मानते हैं कि इन हैकर्स द्वारा उन्हें लक्षित किया गया था।

पाकिस्तान के इन हेकर्स ने फर्जी ऐप स्टोर संचालित किए और इसने वैध वेबसाइटों से भी समझौता किया, ताकि लोगों के फेसबुक क्रेडेंशियल्स के साथ हेराफेरी की जा सके।

साइडकॉपी ने लोगों को ट्रोजनाइज्ड चैट ऐप्स (मैलवेयर युक्त, जो लोगों को इसके वास्तविक इरादे के बारे में गुमराह करता है) को स्थापित करने के लिए धोखा देने का प्रयास किया, जिसमें वाइबर और सिग्नल के रूप में प्रस्तुत करने वाले मैसेंजर या कस्टम-निर्मित एंड्रॉएड ऐप शामिल थे। इसमें उपकरणों से समझौता करने के लिए बड़ी चालाकी से मैलवेयर शामिल किए गए थे।

फेसबुक ने कहा कि उनमें से हैप्पीचैट, हैंगऑन, चैटआउट, ट्रेंडबेंटर, स्मार्टस्नैप और टेलीचैट नाम के ऐप थे - जिनमें से कुछ वास्तव में चैट एप्लिकेशन के तौर पर काम कर रहे थे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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