राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया हैबिटेट सेंटर में 5 से 14 मई तक आयोजित होने वाले हैबिटेट फिल्म फेस्टिवल 2023 में भारतीय सिनेमा के बेहतरीन प्रोजेक्ट की पेशकश की जाएगी। इसमें 17 भाषाओं में लगभग 60 फीचर फिल्म, डॉक्यूमेंट्रीज और शॉर्ट फिल्में शामिल हैं।
मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, बंगाली, असमिया, मैथिली, उड़िया, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, पंजाबी, संस्कृत, लद्दाखी, मीटिलोन और पहली बार कुमाऊंनी में फिल्में दिखाई जाएंगी।
पहली बार इस महोत्सव में कई फिल्मों का राष्ट्रीय और दिल्ली में प्रीमियर होगा। राष्ट्रीय प्रीमियर में राहत महाजन द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म मेघदूत/द क्लाउड मैसेंजर और दो बंगाली फिल्में: सुजीत कुमार पायने की मेघबारी और अरित्रा सेन की घोरे फेरर गान/द होमकमिंग सॉन्ग शामिल हैं।
दिल्ली प्रीमियर में पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता रीमा दास की एक असमिया फिल्म तोराज हसबैंड शामिल है, गौतम रामचंद्रन की तमिल फिल्म गार्गी और प्रशांत पंडित की बहुभाषी फिल्म अरिवू मट्टू गुरुवु/द वर्ड एंड द टीचर शामिल हैं।
इस साल फिल्म निर्माता मृणाल सेन की जन्म शताब्दी है। खंडहर, एक दिन प्रतिदिन और एक दिन अचानक सहित उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों की एक छोटी सी झलक दिखाई जाएगी।
दिखाए जाने वाली कुछ डॉक्यूमेंट्रीज में ऑल दैट ब्रीथ्स, उर्फ, कलर्स ऑफ लाइफ, द शो मस्ट गो ऑन और मास्क आर्ट ऑफ माजुली शामिल हैं। परिचर्चा व बुक लॉन्च भी होगी। एंट्री पंजीकरण के माध्यम से होगी, जिसकी शुरूआत एक मई से हो जाएगी।
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Source : IANS