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ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस: हिंदू पक्ष के हक में फैसला, 22 सितंबर से सुनवाई

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में जिला जज ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाया है. अब इस मामले की अदालत में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जिला अदालत ये तय करे कि क्या ये याचिका सुनवाई योग्य है भी या नहीं? बता दें कि श्रृंगार गौरी की पूजा के लिए हिंदू पक्ष ने अदालत में गुहार लगाई थी. जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने...

Updated on: 12 Sep 2022, 03:06 PM

वाराणसी:

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में जिला जज ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाया है. अब इस मामले की अदालत में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जिला अदालत ये तय करे कि क्या ये याचिका सुनवाई योग्य है भी या नहीं? बता दें कि श्रृंगार गौरी की पूजा के लिए हिंदू पक्ष ने अदालत में गुहार लगाई थी. जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने वर्शिप एक्ट के 7 रूल 11 के तहत प्रार्थना पत्र लगाकर इस मामले को ही खारिज करने की मांग की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिला जज ये तय करे कि इस मामले में सुनवाई भी हो सकती है या नहीं. इस मामले में 5 महिलाओं ने कोर्ट से पूजा करने के अधिकार को लेकर अपील की थी. जिसका मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया था. लेकिन अब जिला जज ने इस याचिका को सुनवाई के योग्य पाया है और मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया है.

विश्व हिंदू परिषद ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि पूजा का अधिकार हम वापस पाएंगे. कोर्ट का फैसला हमारे लिए संतुष्टि की बात. सालों का अन्याय दूर हो रहा है. 

वाराणसी के कमिश्नर ने संभावित तनाव को देखते हुए काशी में धारा 144 लागू कर दिया था. बता दें कि श्रृंगार गौरी से शुरू हुए विवाद के बाद इस मामले में सर्वे कराया गया था, जहां वजूखाने में शिवलिंग के होने की बात सामने आई. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा साबित करने की कोशिश की थी. इन सभी विवादों पर आधा दर्जन मामले में चल रहे हैं.

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काशी-मथुरा-अयोध्या हमारी पहचान

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत के सनातन संस्कृति और धर्म भारत की पहचान तब से है, जब भारत अखंड था. काशी-मथुरा-अयोध्या हमारी पहचान है. हमारे आराध्य हैं. इनके बिना भारत अधूरा है. 

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आगे हाईकोर्ट का भी रास्ता खुला

जितेन्द्रा नंद सरस्वती, महासचिव अखिल भारतीय संत समिति ने कहा कि कहा है कि निर्णय हिंदुओ के पक्ष में आना चाहिए. आज बाबा भोले नाथ का दिन है सोमवार है. आगे हाई कोर्ट का भी रास्ता खुला है. मुस्लिम समाज से अपील है कि लंबे केस लड़ने का कोई फायदा नही है, तंग आ जाएंगे तो 92 ही होगा. पहले भी बाहर के मुस्लिम दंगा करने बनारस आये थे, हम लोग दंगा करने वाले नही हैं. उन्होंने कहा कि सड़क पर उतरना अंतिम विकल्प है.

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हिंदू पक्ष के हक में फैसला, 22 सितंबर से सुनवाई

इस मामले में अब 22 सितंबर से लगातार सुनवाई होगी. हिंदू पक्ष ने पूजा-पाठ का अधिकार मांगा था, अब ये कोर्ट तय करेगी कि क्या पूजा-पाठ का अधिकार दिया जा सकता है. बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए याचिका खारिज करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के दावे को नकार दिया और बताया कि ये मामला वर्शिप एक्ट के तहत नहीं आता.

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अंजुमन इंतजामिया कमेटी की आपत्ति खारिज

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को निर्देश दिये थे कि पहले वो ये देखे कि क्या ये मामला वर्शिप एक्ट से जुड़ा है और इसकी सुनवाई की भी जा सकती है या नहीं? अब वाराणसी जिला जज ने अपने फैसले में कहा है कि हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई की जा सकती है. जिला जज ने अंजुमन इंतजामिया कमेटी की आपत्ति को खारिज कर दिया. 

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सुप्रीम कोर्ट कर रही 6 याचिकाओं पर सुनवाई

श्रृंगार गौरी की पूजा के लिए हिंदू पक्ष ने अदालत में गुहार लगाई थी. जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने वर्शिप एक्ट के 7 रूल 11 के तहत प्रार्थना पत्र लगाकर इस मामले को ही खारिज करने की मांग की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिला जज ये तय करे कि इस मामले में सुनवाई भी हो सकती है या नहीं. इस मामले में 5 महिलाओं ने कोर्ट से पूजा करने के अधिकार को लेकर अपील की थी. जिसका मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया था. लेकिन अब जिला जज ने इस याचिका को सुनवाई के योग्य पाया है और मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया है.

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ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस: हिंदू पक्ष में आया फैसला, अब मामले की होगी सुनवाई

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में जिला जज ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाया है. अब इस मामले की अदालत में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जिला अदालत ये तय करे कि क्या ये याचिका सुनवाई योग्य है भी या नहीं?