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ज्ञानवापी पर आज सुनवाईः पूजा की अनुमति के लिए याचिका दायर, मुस्लिम पक्ष ने दर्ज कराई आपत्ति

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मां श्रृंगार गौरी विवाद पर आज से वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में सुनवाई होगी. कोर्ट में डीजीसी सिविल के प्रार्थना पत्र के अलावा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल की गई हैं.

Updated on: 23 May 2022, 12:03 PM

highlights

  • हिंदू पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर कर मांगी है पूजा की इजाजत
  • मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिका पर दर्ज कराई है अपत्ति
  • पहले यह तय करने की मांग कि मामला चलने योग्य है या नहीं

लखनऊ:

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मां श्रृंगार गौरी विवाद पर आज से वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी. कोर्ट में डीजीसी सिविल के प्रार्थना पत्र के अलावा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल की गई आपत्तियों पर भी बहस होने की संभावना है. गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद स्थित वजूखाने में मिली पत्थर की एक ठोस संरचना को लेकर एक पक्ष का दावा है कि यह शिवलिंग है. वहीं, दूसरे पक्ष का दावा है कि यह पुराना फव्वारा है.

पहले यह तय होगा कि मामला चलने योग्य है या नहीं?

आज की सुनवाई की सबसे अहम बात ये है कि कोर्ट में यह भी तय होगा कि ज्ञानवापी प्रकरण में उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम- 1991 इस केस पर लागू होता है या नहीं. गौरतलब है कि सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा है कि पहले यह तय किया जाए कि मामला चलने योग्य है या नहीं? लिहाजा, इस मामले पर सुनवाई के बाद अगर ये पाया जाता है कि इस मामले पर उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम- 1991 लागू नहीं होता है तो इसके बाद  कोर्ट कमिश्नर की टीम द्वारा किए गए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट पर चर्चा भी जल्द शुरू हो सकती है. 

पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी दाखिल करेंगे पूजा के लिए याचिका

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने कहा है कि वह ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की पूजा के लिए सोमवार को कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि 'ज्ञानवापी कभी मस्जिद नहीं थी, वह अनादि काल से मंदिर है. उन्होंने बिना कोर्ट के फैसले के खुद ही इसे अपना आराध्य देव बताते हुए कहा कि हम उनकी नियमित पूजा करना चाहते हैं. इसलिए हम अपने भोलेनाथ की पूजा की इजाजत देने के लिए कोर्ट से गुहार लगाएंगे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे आराध्य देव सदियों से बिना स्नान, शृंगार और भोग-राग के रहें, यह कितनी ही कष्टदायक बात है.

सर्वे रिपोर्ट भी किया जाएगा पेश

कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के लिए नियुक्त विशेष सहायक आयुक्त अधिवक्ता विशाल सिंह ने कहा कि आज जिला न्यायालय में रिपोर्ट की फाइल कुछ पल में आएगी. इसके बाद जिला न्यायालय के न्यायाधीश मामले की सुनवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि न्यायालय का जो भी आदेश होगा, वह हमें स्वीकार्य होगा.