Gyanvapi case update: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में जिला जज ने सोमवार को हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुना दिया है. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने श्रृंगार गौरी में पूजा के अधिकार की मांग को लेकर दायर याचिका को सुनवाई के योग्य माना है. अदालत का कहना है कि यह मामला 1991 के वर्शिप एक्ट के तहत नहीं आता. अब वाराणसी जिला अदालत 22 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करने वाली है. अदालत के निर्णय के दौरान हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन मौजूद थे. हालांकि मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह नहीं थीं. जज ने कुल 62 लोगों को अदालत में मौजूद रहने की अनुमति दी थी. इस मामले में 24 अगस्त को हिंदू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हुई थी. इसके बाद वाराणसी के जिला जज ने आज यानि 12 सितंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रखा था. आइए कुछ तस्वीरों के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं कि इस मामले में अब तक क्या हुआ.
/newsnation/media/post_attachments/a02f3cb2fd49c7035386897b04e1a64d950ad967e416134dc74b0fdc7023cfc2.jpg)
याचिका दायर कर काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी स्थल की पूजा की अनुमति मांगी थी. यह वह जगह है जहां पर पूजा की अनुमति मांगी गई.
/newsnation/media/post_attachments/80f8b423926fe85745190663bc8960a77bbf324a682b8d16b5b4283f5c851d8a.jpg)
कोर्ट में याचिका जाने के बाद से विवाद बढ़ गया. इसके बाद से मस्जिद के बाहर काफी सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दी गई.
/newsnation/media/post_attachments/9a57bea9f5b699fdc60eb837afd01cd681c34c13710955732db5ec3cb75d8f9b.jpg)
26 अप्रैल 2022 को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया था. सर्वे टीम परिसर की ओर बढ़ती हुई.
/newsnation/media/post_attachments/05fa7eb9a1da69055b09fc6fa17e274b56b8b3e252402ccb010f9483c10a8103.jpg)
सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद हैए जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था. सर्वे के दौरान परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था.
/newsnation/media/post_attachments/143e63c11e6c6bb0daebbe1cff3a0865b214ab4be5e53cbab20cfe7ac602170e.jpg)
श्रृंगार गौरी की पूजा.अर्चना को लेकर विवाद 1995 में शुरू हुआ. जब स्थानीय अदालत में पहला मामला दायर किया गया और न्यायाधीश ने तब साइट के सर्वेक्षण का आदेश दिया था.
/newsnation/media/post_attachments/c6ef7883e8d8c4b27ce07ff9010aff97bf750272d6b1365ccc42218a9ef24118.jpg)
हिंदू पक्ष के हक में फैसला आने के बाद यह तस्वीर सोशल मीडिया पर छाने लगी. इस तस्वीर के नीचे कैप्शन में लिख था कि इस नंदी के बारे में सोचो जो 350 से अधिक वर्षों से शिव जी का इंतजार कर रहे हैं. ये 19वीं सदी का काशी विश्वनाथ परिसर है.
Source : News Nation Bureau