सुप्रीम कोर्ट का 17 मई का अंतरिम आदेश जारी रहेगा, जिला अदालत 8 हफ्ते में पूरा करे सुनवाई 

मस्जिद कमेटी ने अपनी दलील में कहा कि अब तक जो भी आदेश ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए हैं वो माहौल खराब कर सकते हैं.

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Pradeep Singh
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : News Nation)

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. आज की सुनवाई में तीन जज शामिल हैं. जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा के साथ जस्टिस सूर्य कांत को भी शामिल किया गया है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से वाराणसी सिविल कोर्ट के सर्वे के आदेश को चुनौती दी गई है. ज्ञानवापी मस्जिद केस की सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम तीन सुझाव देते हैं. पहला ट्रायल कोर्ट को मामले का निपटारा करने दें. दूसरा, हमने एक अंतरिम आदेश पारित किया है जिसमें ट्रायल कोर्ट को किसी भी आदेश को देने पर रोक लगाई है उसे जारी रखा जाए, और तीसरा यह कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ट्रायल कोर्ट को ही मामले में सुनवाई करनी दी जाये.

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मस्जिद कमेटी ने अपनी दलील में कहा कि अब तक जो भी आदेश ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए हैं वो माहौल खराब कर सकते हैं..कमीशन बनाने से लेकर अब तक जो भी आदेश आए हैं लेकिन कोर्ट ने कहा, हम जिला जज को संभालने दें, उनके पास पर्याप्त अनुभव है.

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न्यायमूर्ति अहमदी ने कहा कि हमारी एसएलपी निचली अदालत द्वारा आयोग की नियुक्ति के खिलाफ है. इसे रोकने के लिए ही 1991 का अधिनियम बनाया गया था. फिर कहानी बनाने के लिए आयोग की रिपोर्ट को लीक किया गया.

मस्जिद कमेटी ने कहा कि हमें मौका दिया जाए, एक नैरेटिव सेट किया जा रहा है, ये मामला इतना आसान नहीं है,  मस्जिद की यथास्थिति 500 साल से है.  मांग है कि यदि मामला वाराणसी कोर्ट जाता है फिर भी यथास्थिति बनाए रखी जाए.

मस्जिद कमेटी ने दलीलदी कि लोकल कोर्ट के आदेश का आधार पर 5 और मस्जिदों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर आज इसे अनुमति दी जाती है तो कल कोई इसी तरह से किसी और मस्जिद के नीचे मंदिर होने का नैरेटिव सेट किया जायेगा. देश में  सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अहमदी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को वजुखाने की तरफ जाने से रोका नहीं जाना चाहिए.ऐसा हुआ तो कानून व्यवस्था के लिया गंभीर समस्या होगी.अदलात ने कहा कि हमारी राय है की सीनियर और ज्यूडिशियल ऑफिसर उत्तर प्रदेश के पास फाइल ट्रांसफर का आदेश, यानी जिला जज के पास ट्रांसफर किया जाना चाहिए. जिला जज सुनवाई करेंगे. जब तक जिला जज सुनवाई करेंगे, सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा.
 
सुप्रीम कोर्ट का 17 मई का अंतरिम आदेश जारी रहेगा, जिला अदालत 8 हफ्ते में सुनवाई पूरा करेगा. कोर्ट ने निचिली अदालत को आर्डर 7 रूल 11 मामले की सुनवाई 8 हफ्ते में  पूरा करने को कहा है.

HIGHLIGHTS

  • सुप्रीम कोर्ट का 17 मई का अंतरिम आदेश जारी रहेगा
  • जिला अदालत 8 हफ्ते में सुनवाई पूरा करेगा
  • सर्वोच्च अदालत ने दिए तीन सुझाव

 

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